ख़बर इंडिया

दलित छात्र की पिटाई से मौत पर घिरी राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार, कांग्रेस विधायक का इस्तीफा

जयपुर। राजस्थान के जालोर जिले में स्कूल टीचर की पिटाई से 9 साल के दलित छात्र की मौत के बाद कांग्रेस में खलबली है।सत्ताधारी पार्टी के बारां के अटरू से विधायक पानाचंद मेघवाल ने इस घटना से आहत होकर पार्टी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना इस्तीफा भेज दिया है। देश प्रदेश के सिस्टम को कटघरे में खड़ा करते हुए दलित कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने यह लिखित इस्तीफा सीएम को भेजा है। उन्होंने अपने पत्र में साफ लिखा है कि भारत देश अपनी आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है। देश आजादी के अमृत महोत्सव को पूरे हर्षाेल्लास से मना रहा है। लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी प्रदेश में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार हो रहे अत्याचारों हो रहे हैं। पानाचंद ने कहना है कि ऐसी घटनाओं से मेरा मन काफी आहत है। मेरा समाज आज जिस प्रकार की यातनाएं झेल रहा है। उसका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

कहीं घोड़ी पर चढ़ने तो कहीं मूंछ रखने पर घोर यातनाएं
अपने त्याग पत्र में विधायक पानाचंद मेघवाल ने लिखा कि प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी पर चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है। जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर घुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में दलितों और वंचितों के लिए जिस समानता के अधिकार का प्रावधान किया था, उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है।

अपनी सरकार पर भी उठाए पानाचंद ने सवाल

विधायक पानाचंद मेघवाल ने त्यागपत्र लिखकर अपनी ही पार्टी की सरकार पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एमएलए ने अपने त्यागपत्र में यह लिखते हुए सीएम को चेताया कि दलितों पर अत्याचार के ज्यादातर मामलों में थ्त् लगा दी जाती है। कई बार ऐसे मामलों को जब मैंने विधानसभा में उठाए, उसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन हरकत में नहीं आया।

अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनकर दे रहा हूं इस्तीफा
जालोर में दलित छात्र के साथ मारपीट के बाद उसकी मौत की घटना से आहत हुए दलित विधायक पानाचंद मेघवाल ने कहा कि जब हम हमारे समाज के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें न्याय दिलवाने में नाकाम होने लगे तो हमें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। एमएलए ने लिखाश् श्मैं अपनी अंतरआत्मा की आवाज पर विधायक पद से इस्तीफा देता हूं।श् उन्होंने सीएम से कहा, श्विधायक पद से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें, ताकि मैं बिना पद के ही समाज के वंचित और शोषित वर्ग की सेवा कर सकूं।श् बता दें कि मुख्यमंत्री को त्यागपत्र भेजने वाले बारां-अटरू विधानसभा के विधायक पानाचंद मेघवाल खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया गुट से आते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *