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भाजपा हाईकमान ने अपने भरासेमंद विधायक काऊ को सौंपा था खास मिशन, पहले भी आलाकमान की उम्मीदों पर उतर चुके हैं खरे, जानिए अंदर की खबर का पूरा सच

देहरादून। उत्तराखंड में सियासी उठापठक के बीच रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के बयान से पार्टी में फिर हलचल मची है। मीडिया से बातचीत में अपने दिल्ली दौरे पर स्थिति साफ करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान जानता है कि वह कहां और क्यों गए थे। उन्होंने कहा कि उनके पुराने साथी पार्टी छोड़कर जा रहे थे, उनका प्रयास था कि वह इनकी राष्ट्रीय नेतृत्व से बात करा दें। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने की अफवाहें उनके विरोधी फैला रहे हैं।

विधायक काऊ ने यह भी कहा कि जुलाई में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद जब पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बने तो तीन वरिष्ठ साथी हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज और यशपाल आर्य नाराज थे और मंत्री पद की शपथ नहीं लेना चाहते थे। तब उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व के कहने पर मध्यस्थ की भूमिका निभाई और राष्ट्रीय नेतृत्व से तीनों की बात कराई। परिणामस्वरूप मसला सुलझा और तीनों विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, बल्कि उनके मंत्रालयों में इजाफा भी हुआ। ऐसे में भाजपा के लिए चिंता बढ़ना भी लाजिमी है। पार्टी को साल 2016 में कांग्रेस से भाजपा में आए विधायकों की नाराजगी दूर करना और उन्हें पार्टी से जोड़े रखना भी बेहद जरूरी है।

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