उत्तर प्रदेश सरकार के ‘हम दो-हमारे दो’ वाले मसौदे ने देश भर में महाभारत छेड़ दी. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की तैयारी में है। इस बीच ज्यादातर लोगों का मानना है कि यूपी ही नहीं, बल्कि पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने का समय आ गया है।
यूपी के साथ साथ देश भर में जनसंख्या कानून को लेकर हंगामा है, लेकिन 2002 में उत्तराखंड में बने कानून ने एक जनप्रतिनिधि की कुर्सी छीन ली जी हाँ, जनसंख्या नियंत्रण कानून पर चर्चा के बीच हरिद्वार जिले के लक्सर में तीसरी संतान पैदा होने पर निर्वाचित जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त हो गई।
शहरी विकास विभाग ने लक्सर नगर पालिका से वार्ड नंबर चार की सभासद नीता पांचाल को इसी आधार पर हटा दिया है। प्रदेश में स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधियों के लिए अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है।
बता दें दो माह पहले डीएम ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। जिसके आधार पर कार्रवाई की गई। प्रदेश में उक्त शासनादेश दो जुलाई 2002 से ही लागू है। इस कारण प्रदेश में नगर निकाय और पंचायतों में ऐसे व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, जिनकी तिथि के बाद तीसरी संतान हुई है।
इस बीच लक्सर नगर पालिका से वार्ड चार की सभासद नीता पांचाल साल 2018 में निर्वाचित होने के बाद तीसरी संतान को जन्म दिया। उनके खिलाफ निर्वाचन की शर्त का उल्लंघन की शिकायत जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर के पास पहुंची।
जिलाधिकारी ने जांच एसडीएम लक्सर और नगर पालिका ईओ के जरिये कराई। इसमें शिकायत सही पाई गई। शहरी विकास विभाग ने डीएम हरिद्वार की रिपोर्ट के आधार पर नीता पांचाल की सदस्यता समाप्त की। इस संबंध में सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली ने मंगलवार को आदेश जारी किए। नीता पांचाल लगातार दूसरी बार भाजपा के टिकट पर पार्षद निर्वाचित हुई हैं।
दरअसल विधि आयोग जनसंख्या नियंत्रण कानून पर लगातार काम कर रहा है. नई नीति के हिसाब से 2 से ज्यादा बच्चों वाले परिवारों की सुविधाओं में कटौती करने की तैयारी की जा रहा है. विधि आयोग के मुताबिक, जिस तरह से यहां जनसंख्या बढ़ रही है. इसी वजह से समस्याएं पैदा हो रही हैं.