बारिश का कहर : हिमाचल में लैंडस्लाइड, जोशीमठ में टूटा ग्लेशियर, खतरे के निशान के ऊपर यमुना
नई दिल्ली। उत्तर भारत में भारी बारिश ने इस क्षेत्र को घुटनों पर ला दिया है, जिससे पिछले तीन दिनों में 37 से अधिक लोगों की जान चली गई है। दिल्ली की यमुना नदी में जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, हरियाणा के करनाल के कई गांवों में गंभीर जल-जमाव हो गया है और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंडी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के लिए अचानक बाढ़ की चेतावनी भी दी है। वहीं देश के चार राज्यों में एनडीआरएफ की 39 टीमों को तैनात किया गया है।
बताते चलें कि चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंडी से लेकर कुल्लू तक जगह-जगह लैंडस्लाइड हुई है। हाइवे अब पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। सैकड़ों गाडिय़ां कुल्लू और मनाली में फंसी हैं। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक हाईवे को खोलने में 48 घंटे लगेंगे।
वहीं पंजाब और हरियाणा में बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में दो दिनों के भीतर 9 लोगों की मौत हुई। सेना ने भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा होने के बाद पंजाब की एक यूनिवर्सिटी से 960 लोगों को बचाया है।
हरियाणा की बात करें तो यहां के अंबाला जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण शहर के रिहायशी इलाकों में पानी भर गया है और घग्गर नदी उफान पर है। शालीमार कॉलोनी, हीरा नगर, अशोक विहार और कई अन्य आवासीय कॉलोनियों में पानी भर गया।
बता दें कि पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रहा है। इस वक्त यमुना का जलस्तर 206।24 मीटर है, जो खतरे के निशान से काफी ऊपर है। यमुना के निचले इलाकों में रहने वालों को हिदायत दी गई है कि वह सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। 206 मीटर के स्तर को पार करते ही यमुना के लिए ऑरेंज अलर्ट लागू हो जाता है।
उत्तराखंड में आफत की बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि जोशीमठ में ग्लेशियर टूट गया है। जिसके चलते जोशीमठ और उसके आसपास के गांवों के डूबने की आशंका है। ग्लेशियर के टूटने से लगातार पानी का बहाव बढ़ता जा रहा है। धौला नदी में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।