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कैसे सैकड़ों यात्रियों से भरा जहाज़ आसमान से रहस्यमय तरीके से गायब

कभी-कभी दुनिया में ऐसी घटनाएं भी घट जाती हैं, जिसपर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। एक ऐसी ही घटना साल 2014 में घटी थी, जो अब तक दुनियाभर के लोगों के लिए एक रहस्य ही बना हुआ है। दरअसल, मलयेशिया एयरलाइंस का एक विमान 239 लोगों के साथ आसमान से ही अचानक गायब हो गया था। इस रहस्यमय घटना को घटे 7 साल से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन इसका सुराग आज तक किसी को भी नहीं मिला है।

मलयेशिया एयरलाइंस के विमान एमएच-370 ने 8 मार्च 2014 को राजधानी कुआलालंपुर से उड़ान भरी। इस विमान को उसी दिन चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचना था, लेकिन विमान के उड़ने के कुछ ही समय बाद उसका संपर्क यातायात नियंत्रण केंद्र से टूट गया। इसके बाद विमान के गायब होने को लेकर कई तरह की बातें हुईं, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। पहले यह अंदाजा लगाया गया कि शायद विमान को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया है, लेकिन फिर बाद में इस तरह के कोई संकेत नहीं मिले।

कुछ समय बाद ये मान लिया गया कि विमान कहीं दुर्घटनाग्रस्त हो गया होगा और इसको लेकर फिर तलाशी अभियान शुरू हुआ। कई महीनों तक और कई देशों में विमान की खोजबीन चलती रही, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। कहते हैं कि एक लाख वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा के दायरे में विमान की खोजबीन चली, लेकिन जहाज का कुछ पता नहीं चला। किसी विमान को खोजने का यह इतिहास में अब तक का सबसे लंबा अभियान था। इसमें करोड़ों रुपये खर्च हुए थे। कई देशों ने भी इस तलाशी अभियान में मलयेशिया की मदद की थी। इसके बाद भी एमएच-370 को ढूंढ़ा नहीं जा सका।

जानकारी के मुताबिक, इस विमान में कुल 239 लोग सवार थे, जिसमें 227 यात्रियों के साथ-साथ 12 चालक दल के सदस्य भी शामिल थे। इनमें सबसे ज्यादा संख्या चीन के यात्रियों की थी, उसके बाद मलयेशिया के। कहते हैं कि आखिरी बार विमान को हिंद महासागर के ऊपर उड़ान भरते पाया गया था, लेकिन उसके बाद वो अचानक रडार की पकड़ से बाहर हो गया था। इसके बाद उसका किसी को कुछ पता नहीं चला। हर तरफ से निराशा मिलने के बाद थक-हारकर जनवरी 2017 में विमान का तलाशी अभियान भी आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया था।इस विमान के पायलट जहारी अहमद शाह थे।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने यह दावा करते हुए सबको चौंका दिया था कि मलयेशिया के उच्च अधिकारियों का मानना है कि एमएच-370 फ्लाइट को उसके कप्तान ने ही जानबूझ कर समुद्र में डुबा दिया था। उनका दावा था कि कप्तान आत्मघाती था, जिसने विमान में सवार सभी लोगों की जान ले ली। हालांकि, अपने इस दावे से संबंधित कोई सबूत उन्होंने पेश नहीं किया था। इस तरह उनका दावा भी महज एक अनुमान ही माना जा रहा है। इस विमान का गायब होना अब भी एक अनसुलझी पहेली ही बना हुआ है।

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