ख़बर उत्तराखंड

सिंचाई मंत्री महाराज ने जमरानी बांध के अवशेष केन्द्रांश 112.50 करोड़ की धनराशि देने का किया अनुरोध

पर्वतीय क्षेत्रों को जल जीवन मिशन के तहत मिलने वाले शुद्ध पेयजल की मात्रा बढ़ाने दिया प्रस्ताव

समीक्षा बैठक के बाद महाराज ने जल शक्ति मंत्री व राज्य मंत्री को बद्री-केदार आने का दिया न्यौता

देहरादून/ नई दिल्ली। प्रदेश के सिंचाई, पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली में आयोजित जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में प्रतिभाग करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटील से जमरानी बांध परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु अवशेष 112.50 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाने, स्वच्छ भारत मिशन के तहत उत्तराखंड के लिए अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान कराए जाने और जल जीवन मिशन के अंतर्गत केंद्र से मिलने वाली अवशेष 4200 करोड़ की धनराशि भी दिये जाने का अनुरोध किया।

प्रदेश के सिंचाई, पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली में आयोजित जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में प्रतिभाग करने से पूर्व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल से भेंट कर उन्हें बाबा केदारनाथ की प्रतिकृति भेंट की। समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से कहा कि जमरानी बांध परियोजना जिसकी लागत 2584.10 करोड़ है। राज्य सरकार द्वारा परियोजना के पुनर्वास कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में 200 करोड़ की धनराशि निर्गत की गई थी। वर्तमान में परियोजना के मुख्य बांध निर्माण हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने के साथ ही अनुबंध गठन का कार्य पूर्ण कर कार्य प्रारंभ हो गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए परियोजना हेतु मंत्रालय से केन्द्रांश के रुप में 157.50 करोड़ की धनराशि निर्गत की गई। वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु वांछित 300.00 करोड़ की धनराशि का अवशेष केन्द्रांश 112.50 करोड़ (270.00-157.50) तत्काल निर्गत कराया जाए।

सिंचाई मंत्री महाराज ने समीक्षा बैठक के दौरान केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से आग्रह कि उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों और सड़क परिवहन सुविधाओं के सीमित होने के कारण कचरा संग्रहण वाहन प्रदेश के 75 प्रतिशत से अधिक पर्वतीय क्षेत्रों तक पहुंचने में समर्थ नहीं हैं। इस समस्या के समाधान हेतु अतिरिक्त कलेक्टर स्तर पर उच्च क्षमता के वाहनों की आवश्यकता है इसलिए जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के लिए अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान किए जाएं। उन्होंने समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को बताया कि उत्तराखंड राज्य के लिए जल जीवन मिशन के तहत 900 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है जिसमें से 90 प्रतिशत केंद्र सरकार तथा 10 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा आवंटित किया जाता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु राज्य को 4200 करोड़ के लगभग धनराशि केंद्र सरकार द्वारा आवंटित की जानी है।

महाराज ने जल शक्ति मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखंड के पर्वतीय (ग्रामीण) क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन न्यूनतम 55 लीटर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। जबकि शहरी क्षेत्र में 135 लीटर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। उन्होंने जल शक्ति मंत्री से अनुरोध किया कि उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश होने के कारण यहां लाखों पर्यटकों की आवाजाही रहती है। पर्वतीय क्षेत्रों में अनेक होटल एवं होम स्टे हैं इसलिए पर्वतीय क्षेत्र के लिए शुद्ध जल की मात्रा को शहरी क्षेत्र के मानकों के अनुसार बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत जानवरों के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन का लक्ष्य तय करने के लिए जल निगम एवं जल संस्थान का एकीकरण करना आवश्यक है।

सिंचाई मंत्री महाराज ने समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री एस.आर. पाटिल और केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री वीरन्ना सोमन्ना को श्री केदारनाथ-श्री बद्रीनाथ आने का आमंत्रण देते हुए कहा कि जल जीवन मिशन के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो लक्ष्य उत्तराखंड के लिए तय किए हैं उन्हें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में निर्धारित समय पर पूरा किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *