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कारगिल शहीद दिवस के 22 साल बाद भी नहीं बना कारगिल शहीद गोविन्द सिंह पपोला द्वार

लालकुआँ से मुकेश कुमार की रिपोर्ट: आज कारगिल शहीद दिवस के 22 साल बित जाने के बाद भी लालकुआँ के बिन्दुखत्ता निवासी कारगिल शहीद गोविन्द सिंह पपोला की शहादत को वर्षो बित जाने के बाद भी आज तक शासन प्रशासन के लचर व्यवस्था के चलते शहीद द्वार नही बन पाया है हालांकि शहीदों के परिजनों को मिलने वाली सुविधायें जरूर मिल रही है।
इस दौरान नायब सूबेदार कारगिल शहीद गोविन्द सिंह पपोला की पत्नि प्रेमा पपोला ने बताया कि उनके पति के नाम से राज्य सरकार द्वारा पूर्व में शहीद द्वार बनाये जाने की घोषणा की गई थी यही नही पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल के अथक प्रयासों से 3 लाख की धनराशि भी स्वीकृत कर दी गई थी लेकिन आज तक उनके पति के नाम से शहीद द्वार नही बनाया गया है।
जिसका उन्हे गम है हालांकि शहीद स्मारक का निर्माण जरूर कर दिया गया था जबकि उसके बाद राज्य सरकार द्वारा शहीद मोहन नाथ गोस्वामी के नाम से जरूर शहीद द्वार बना दिया गया है हालांकि सरकार द्वारा आश्रितों को मिलने वाली अन्य सभी सुविधायें मिल रही है ।

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