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नीरज चोपड़ा ने फिर रचा इतिहास, डायमंड ट्रॉफी जीतने वाले बने पहले भारतीय

ज़्यूरिख़। टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने एक और ऐतिहासिक कीर्तिमान रचते हुए ज़्यूरिख़ में डायमंड लीग फाइनल का जेवलिन थ्रो खिताब अपने नाम किया। नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 88.44 मीटर की दूरी पर भाला फेंका जो उन्हें जीत दिलाने के लिए काफी था। विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता को अन्य पांच प्रतिभागियों से कोई मुकाबला देखने को नहीं मिला और नीरज ने आसानी से डायमंड लीग फाइनल में पहला स्थान हासिल किया। नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 88.44 मीटर के थ्रो के बाद तीसरे प्रयास में 88 मीटर और चौथे प्रयास में 86.11 मीटर का थ्रो किया। नीरज का पांचवां प्रयास 87 मीटर था जबकि उनका अंतिम प्रयास 83.6 मीटर था। चेक गणराज्य के जाकुब वाडलेच ने 86.94 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।

इससे पहले, चोपड़ा ने चोट के बाद शानदार वापसी करते हुए डायमंड लीग शृंखला का लुसाने चरण जीतकर दो दिवसीय फाइनल के लिए चलीफाई किया था। फाइनल की विजय के साथ नीरज डायमंड लीग ट्रॉफी जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। जुलाई में अमेरिका में विश्व चैंपियनशिप में रजत जीतने वाले प्रदर्शन के दौरान उनकी कमर में चोट के कारण वह बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (28 जुलाई से 8 अगस्त) में हिस्सा नहीं ले सके थे। 24 वर्षीय भारतीय सुपरस्टार ने वापसी के तुरंत बाद अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और 26 जुलाई को लुसाने में 89.08 मीटर के प्रयास से पहला स्थान हासिल किया। डायमंड लीग में चैंपियनशिप-शैली के मॉडल का अनुसरण करते हुए 32 डायमंड डिसिप्लिन शामिल हैं। एथलीट अपने संबंधित खेलों के फाइनल के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए 13-चरण के आयोजन में अंक अर्जित करते हैं। फाइनल में प्रत्येक डायमंड डिसिप्लिन के विजेता को ‘डायमंड लीग चैंपियन’ का ताज पहनाया जाता है।

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