हल्द्वानी से मुकेश कुमार की रिपोर्ट: काठगोदाम रानीबाग पुल भले ही वाहनो की आवाजाही के लिए खोल दिया गया हो लेकिन यह पुल अब सियासत का पुल बन चुका है। बीजेपी के पूर्व प्रदेश महामंत्री गजराज बिष्ट ने कहा कि रानीबाग पुल के क्षतिग्रस्त होने की जांच होनी चाहिये और जो भी लापरवाह अधिकारी या ठेकेदार हो उनके खिलाफ़ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिये।
गजराज बिष्ट ने कहा कि पिछले साल उन्होंने निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मिलकर रानीबाग में नये पुल के लिये 7 करोड़ रुपये स्वीकृत कराये थे, लेकिन नया पुल तो बना नहीं और पुराने पुल का ही एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।
आम जनता 40 सालों से रानीबाग पुल की डिमांड कर रही है, लेकिन 1 साल होने को है नया पुल अभी भी बनकर तैयार नहीं हो पाया है। पुराना पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद अब आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। लिहाजा आम जनता के लिहाज से यह ठीक नहीं है।
गजराज बिष्ट ने कहा है कि विभाग चाहता तो पुराने पुल में कोई अवरोध उत्पन्न नहीं होता और नया पुल भी 1 साल में बनकर तैयार हो जाता। लिहाजा रानीबाग पुल के क्षतिग्रस्त होने में जो भी अधिकारी जिम्मेदार है, उसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर इस मामले में जांच कराने की मांग की है।
उधर भीमताल से विधायक राम सिंह कैड़ा का कहना है कि लोगों को यही पता नहीं है कि नये पुल के निर्माण के लिए पुल का पैसा कहां से आया? और पैसा कौन ला रहा है? उन्होंने नये पुल के लिए काफी दौड़ भाग की है और वह भीमताल क्षेत्र के विधायक हैं, लिहाजा उन्हें पता है कि पुल का पैसा कब और कहां से आएगा, उन्होंने कहा कि सियासत के इस पुल की बात जनता के निर्णय के ऊपर छोड़ देते हैं।