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रुड़की: शेरू मलिक के आवास पर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया बकरीद का त्यौहार

बुधवार को देशभर में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस्लाम में कुर्बानी का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार ईद-उल-जुहा हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि बकरीद पर आखिर क्यों दी जाती है कुर्बानी और कुर्बानी के गोश्त को पूरा क्‍यों नहीं अपने पास रखा जाता.
ईद-उल-अजहा के मौके पर मुस्लिम धर्म में नमाज पढ़ने के साथ-साथ जानवरों की कुर्बानी भी दी जाती है. इस्लाम के अनुसार, मुस्लिम धर्म के लोग अल्लाह की रजा के लिए कुर्बानी करते हैं. हालांकि इस्लाम में सिर्फ हलाल के तरीके से कमाए हुए पैसों से ही कुर्बानी जायज मानी जाती है.
आज वार्ड नंबर 35 माही ग्राम में बकरीद के अवसर पर बकरे की कुर्बानी की गई जिसके तहत पंचायत ने बकरे के कवाब बनवाएं और अतिरिक्त पकवान भी बनवाए गए। आपको बता दें कि शूरू मलिक के आवास पर आज बकरे की कुर्बानी की गई जिसके चलते उन्होंने तमाम प्रकार की तैयारियां की। उन्होंने अपने आवास पर पकवान बनवाकर पार्टी की।
मलिक के आवास पर बकरीद के मौके पर सुल्तान भाई मुनव्वर कुरेशी मानव जगत जिला प्रभारी गुड्डू फैसल गुलजार उम्र अदनान भाई अकरम इनवर्टर इसरार भाई आलमबाड़ी सुल्तान खा और आजम माही शहजाद अली एडवोकेट आदि बड़ी बड़ी हंसतीया मौजूद रही।

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