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सुनील जाखड़ हो सकते हैं पंजाब के नए मुख्‍यमंत्री, दौड़ में सबसे आगे, राज्यपाल ने मंजूर किया कैप्‍टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में खींचतान के बीच पार्टी हाई कमान द्वारा सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से इस्‍तीफा मांगे जाने के बाद नए मुख्‍यमंत्री को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। चर्चाएं के अनुसार, पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ राज्‍य के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। नए मुख्‍यमंत्री के लिए उनका नाम सबसे आगे हैं। इस बीच सुनील जाखड़ ने कांग्रेस हाईकमान द्वारा पंजाब में उठाए गए कदम का ट्वीट कर स्‍वागत किया है।

बता दें कि जाखड़ को पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान पद से हटाकर नवजोत सिद्धू को नया अध्‍यक्ष बनाया गया था। सुनील जाखड़ ने एक ट्वीट करके राहुल गांधी की सराहना की और इस अति उलझे हुए मसले का समाधान करने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्‍होंने कहा, हैरानी की बात यह है कि पंजाब कांग्रेस के विवाद को सुलझाने के इस साहसिक निर्णय ने न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोमांचित किया है, बल्कि अकालियों की रीढ़ को सिकोड़ दिया है।

दरअसल जाखड़ दो दिन पहले बंगलूर गए हुए थे। उनको अचानक दिल्‍ली बुलाने और चंडीगढ़ आने को कहने से साफ हो गया कि अगली सरकार में उनकी अहम भूमिका होगी। चंडीगढ़ लौटने से पूर्व दिल्ली में भी उनकी कांग्रेस हाई कमान के सीनियर नेताओं से बात हुई है। देर रात जब हरीश रावत ने सीएलपी की बैठक बुलाने संबंधी ट्वीट किया तो आज सुबह से ही जाखड़ के घर पर सीनियर नेताओं का तांता लग गया। हालांकि उन्होंने अभी इस बारे में कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया है।

बता दें कि जाखड किसी समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदंर सिंह के करीबी नेताओं में माने जाते थे। पार्टी हाईकमान ने जब उन्हें पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाया तो वह सरकार में गलत फैसलों को लेकर वह अक्सर मुख्यमंत्री से उलझते भी रहे। बिजली समझौतों को रद करने का मामला हो या बेअदबी मामले को लेकर कोई कड़ा फैसला लेने की बात, जाखड़ इस तरह के मुद्दों पर आवाज बुलंद करते रहे हैं।

जाखड़ को हिंदू चेहरे के तौर पर भी सीएम पद दिया जा सकता है, क्योंकि इस समय कांग्रेस की प्रधानगी जट सिख के हाथ में है। चुनाव से पूर्व पार्टी जातीय समीकरणों का पूरा ख्याल रखेगी। इन दिनों तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब भर में किसान आंदोलनरत हैं ऐसे में भी जाखड़ की भूमिका अहम होगी क्योंकि तीन कृषि कानूनों के जब अध्यादेश जब जारी हुए थे तो सुनील जाखड़ ही ऐसे पहले नेता थे जिन्होंने इनका विरोध किया था। वह अक्सर किसानी मुद्दों को उभारने वाले नेता माने जाते हैं। उनके पिता बलराम जाखड़ बड़े किसान नेता थे।

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