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इसलिए जीएसटी के तहत नहीं आ पा रहा पेट्रोल और डीजल

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कुछ राज्य जीएसटी के तहत फ्यूल लाने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं, हालांकि केंद्र इस विचार के समर्थन को तैयार है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने यह प्रस्ताव रखा है। लेकिन कुछ राज्य अभी तक इसके विरोध में हैं। वित्तमंत्री इस मसले पर काम कर रहे हैं। अगर सभी राज्य इसे लेकर सहमत होते हैं तो हम भी समर्थन करेंगे। गडकरी ने कहा है कि फ्यूल को जीएसटी के तहत लाने से पेट्रोल और डीजल आदि की कीमत में कमी आएगी। इस कदम से राजस्व भी बढ़ेगा और राज्यों को भी फायदा पहुंचेगा। हालांकि गडकरी ने जीएसटी के तहत फ्यूल को लाने के प्रस्ताव के विरोध करने वाले राज्यों का नाम नहीं लिया।

पेट्रोल और डीजल की महंगी कीमत को लेकर उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क को कम करके सकारात्मक पहल की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्र के इस पहल के बाद राज्य भी उत्पाद शुल्क में कमी करेंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर उन्होंने कहा है कि दो सालों में ईवी सस्ती हो जाएंगी। हम इथेनॉल को अपना रहे हैं, फ्लेक्स इंजन की ओर बढ़ रहे हैं और इलेक्ट्रिक वाहनों पर बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं। इससे प्रदूषण में कमी आएगी। फ्यूल का आयात कम होगा और बहुत से लोगों को रोजगार मिलेगा। सड़कों को लेकर उन्होंने कहा है कि हम प्रतिदिन 38 किलोमीटर रोड का निर्माण कर रहे हैं। अगले दो सालों में हमारा लक्ष्य यूरोपीय और अमेरिकी स्टैण्डर्ड सा वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना है। 2023 तक मुंबई एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही कई ग्रीन एक्सप्रेसवे भी तैयार हो जाएंगे। कश्मीर से कन्याकुमारी को वर्ल्ड क्लास सड़कों से जोडऩे पर काम कर रहे हैं।

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