देहरादून से शगुफता परवीन की रिपोर्ट: उत्तराखंड में कोरोनावायरस की लसर भले ही सुस्त पड़ गई हो लेकिन उत्तराखंड सरकार कोरोना कर्फ़्यू को लेकर किसी भी तरह का कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है। कोरोना संक्रमण भले ही उत्तराखंड में इन दिनों अपने न्यूनतम स्तर पर हो लेकिन अभी भी तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए राज्य सरकार हफ्ते भर और कोरोना कर्फ्यू की अवधि बढ़ा सकती है।
उत्तराखंड में कोरोना के संक्रमित मामलों में कमी है, लेकिन अभी भी खतरा टला नहीं है। जिसे लेकर शासन प्रशासन मुस्तैद है। सख्ती बढ़ाई जा रही हैं। इसी कड़ी में राज्य में जारी कोरोना कर्फ्यू को एक हफ्ता और बढ़ाए जाने पर विचार किया जा रहा है।
कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सरकार इस संबंध में विचार कर रही है। माना जा रहा है कि कर्फ्यू के दौरान वर्तमान में लागू की गई रियायतें पहले की तरह रहेंगी। नाइट कर्फ्यू आवाजाही के प्रतिबंधों का और सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा। राधा सचिव ने साफ किया कि सभी पहलुओं पर विचार चल रहा है।
सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने बताया कि कर्फ्यू को लेकर सभी पहलुओं पर विचार चल रहा है। शीघ्र ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के मामलों में भले ही कमी आई है। लेकिन अभी भी खतरा टला नहीं है। जिसे लेकर शासन प्रशासन मुस्तैद है।
इसके अलावा सरकार कर्फ्यू हटाने के मूड में नहीं है। देश में तीसरी लहर की चिंताओं को देखते हुए सरकार की मंशा ठीक भी लगती है। ऐसे में कर्फ्यू की अवधि 20 जुलाई को सुबह 6:00 बजे खत्म हो रही है। मौजूदा रियायतों के साथ 27 जुलाई तक कर्फ्यू जारी रखने पर विचार किया जा रहा है। इस दौरान रात्रि में आवाजाही के प्रतिबंधों को सख्ती से लागू किया जाएगा.
कोरोना के मद्देनजर सरकार ने कर्फ्यू में तमाम रियायतें दी हैं। सप्ताह में 6 दिन सुबह 8:00 से शाम 7:00 बजे तक बाजार खुल ही रहे हैं तो शॉपिंग मॉल को भी 50% क्षमता के साथ खोलने की छूट मिल गई है। आवश्यक सेवाओं के कार्यालय 100 फ़ीसदी और शेष 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ खुल रहे हैं।