ब्यूरो रिपोर्ट अल्मोड़ा: उत्तराखंड से बड़ी ख़बर सामने आई है, धामी सरकार में भी रिश्वतखोर इंजीनियरों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। इन लोगों को ज़रा भी खौफ नहीं है। ये लोग अपनी पोस्ट की फजीहत करने में लगे हैं। यूँ तो सरकारी दफ्तरों में रिश्वत लेना कोई नई बात नहीं है।
ऐसे ही रिश्वत लेने का ताजा मामला अल्मोड़ा से सामने आया है, जहाँ लोक निर्माण विभाग के एनएच खंड रानीखेत अल्मोड़ा के अधिशासी अभियंता (ईई) महिपाल सिंह कालाकोटी और सहायक अभियंता (एई) हितेश कांडपाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों दबोच लिया।
दरअसल एक व्यक्ति ने विजिलेंस में शिकायत करते हुए बताया कि उसने अपने रेस्टोरेंट के बार लाइसेंस के लिए अल्मोड़ा जिले में वर्ष 2019 में आवेदन किया था। इस पर जिलाधिकारी द्वारा लोक निर्माण विभाग व अन्य विभागों से इसकी रिपोर्ट मांगी गई। जब इस संबंध में लोनिवि ने रिपोर्ट जारी नहीं की तो फिर उक्त व्यक्ति द्वारा वहां संबंधित अधिकारियों से संपर्क साधा गया। जहां उससे तीन लाख रुपए मांगे गए। इसके बाद उनके बीच एक लाख रुपए में बात तय हुई।
इस मामले को लेकर लोक निर्माण विभाग के दो इंजीनियरों को रिश्वत लेते विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। अब दोनों अधिकारियों को अपनी आय के सारे स्रोत बताने होंगे और कई जांचों से गुजरना होगा।
विजिलेंस ने मामले को सही पाकर टीम का गठन कर लोक निर्माण विभाग के रानीखेत एनएच आफिस पहुंची। जहां उक्त व्यक्ति ने अधिशासी अभियंता महिपाल सिंह कालाकोटी व सहायक अभियंता हितेश कांडपाल को एक लाख रुपए सौंप दिए। इस पर ट्रैप टीम ने दोनों इंजीनियरों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।