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एक नजर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उन तीन फैसलों पर जो हमेशा याद रखे जाएंगे

नई दिल्ली। देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति रहे रामनाथ कोविंद के तीन फैसले हमेशा याद रखे जायेंगे।

1:- आर्टिकल 370 हटाना
रामनाथ कोविंद के कार्यकाल में केंद्र सरकार ने कई बड़े फैसले लिए। पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35। समाप्त कर दिया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के दो हिस्से कर लद्दाख को अलग कर केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया। इससे जम्मू कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियां तो नाराज हुईं ही, कांग्रेस जैसे मुख्य विपक्षी दल ने भी मोर्चा खोल दिया। तब से लेकर अब तक जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। अब परिसीमन के बाद विधानसभा चुनाव की संभावना भी तेज हो गई है।

2:- सीएए-एनआरसी
नौ दिसंबर 2019 को गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया था और इसे लोकसभा में 311 बनाम 80 वोटों से पारित कर दिया गया। 11 दिसंबर को इसे राज्यसभा में पेश किया गया जहां नागरिकता विधेयक 2019 को 125 और खिलाफ में 99 वोट दिए गए हैं। इस प्रकार से नागरिकता विधेयक बिल पास हो गया। बिल पास होने के एक दिन बाद ही 12 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे मंजूरी दे दी। तब जाकर नागरिकता विधेयक बिल नागरिकता विधेयक कानून बन गया। नागरिकता संशोधन कानून 2019 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू ,सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया। पहले किसी भी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए उसे कम से कम पिछले 11 वर्षों से भारत में रहना अनिवार्य था इस नियम को आसान बनाते हुए नागरिकता हासिल करने की अवधि को 1 साल से लेकर 6 साल कर दिया गया है। इसका विपक्षी दलों ने खूब विरोध किया।

3:- तीन तलाक
तीन तलाक का फैसला भी काफी विवादित रहा। संसद से तीन तलाक कानून पास होने के बाद राष्ट्रपति कोविंद ने ही इसे मंजूरी दी। देशभर में इसके खिलाफ मुस्लिम समाज के लोग खड़े हो गए थे। हालांकि, इसके समर्थन में भी बड़ी संख्या में लोग रहे।

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