अंतर्राष्ट्रीय

पुतिन का अजब-गजब फरमान,10 बच्चे पैदा करें महिलाएं, देंगे 13 लाख का ईनाम, जानिए क्या है मदर हीरोइन अवॉर्ड

दुनिया में कई देश बढ़ती आबादी से परेशान हैं, तो वहीं कुछ देशों की आबादी कम होती जा रही है। अब इस बीच एक देश ने ऐसा आदेश जारी किया है जिसको लेकर दुनिया में बवाल मच गया है। इस आदेश के बारे में आप भी जानेंगे, तो हैरान हो जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि आपको इस बात पर यकीन भी नहीं होगा, लेकिन यह पूरी तरह सच है। देश का नाम भी जानकर आप चौंक जाएंगे। दरअसल रूस में घटती आबादी की वजह से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक हैरान करने वाला एलान किया है। पुतिन के इस आदेश की दुनिया में आलोचना भी हो रही है। रूस के राष्ट्रपति ने देश में घटती आबादी के संकट को दूर करने के लिए देश की महिलाओं को 10 या इससे ज्यादा बच्चे पैदा करने को कहा है। रूस की जनसंख्या लगातार घटती जा रही है जिसे देखने हुए राष्ट्रपति पुतिन ने यह बड़ा एलान किया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने निर्देश के साथ ही एक और घोषणा की है। रूस की सरकार 10 बच्चों के पालन पोषण के लिए माताओं को 13 हजार पाउंड (13 लाख रुपये) देगी। जानकारों का कहना है कि पुतिन ने रूस-यूक्रेन की वजह से बढ़े जनसांख्यिकीय संकट को दूर करने के लिए यह निर्देश दिया है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि रूस ने हताशा में यह निर्णय लिया है।

कोरोना महामारी और यूक्रेन के साथ युद्ध की वजह से रूस में जनसंख्या संकट खड़ा हुआ है। इस संकट से देश को निकालने के लिए रूस ने देश की महिलाओं के सामने इस तरह की पेशकश की है। राष्ट्रपति ने कहा कि अगर देश की महिलाएं 10 बच्चों को जन्म देती हैं, तो उन्हें ‘मदर हीरोइन’ अवार्ड दिया जाएगा। इस स्कीम के तहत सरकार महिलाओं को इनाम के तौर 13 लाख रुपये देगी। लेकिन यह अवार्ड उन्हीं महिलाओं को दिया जाएगा जो रूसी संघ की नागरिक होंगी। सरकार के निदेश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी मां के बेटे की आपात हालात और आतंकी हमले में मौत होती है, तो भी उसे यह सम्मान दिया जाएगा।

जानिए क्या है मदर हीरोइन अवॉर्ड
रूस में मदर हीरोइन अवॉर्ड की शुरुआत साल 1944 में की गई थी। सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन ने इस योजना को शुरू किया था। स्टालिन ने जब इस स्कीम को शुरू किया था, तब सोवियत संघ की जनसंख्या बहुत तेजी से कम हो रही थी। उस समय सरकार ने घटती जनसंख्या के संकट से निपटने के लिए ऐसी स्कीम शुरू की थी। लेकिन 1991 में सोवियत संघ का विघटन हो गया जिसके बाद रूस की सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया। अब एक बार फिर रूस की सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है।

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