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यूपी की तरह उत्तराखंड में भी बीटीसी पत्राचार को मान्यता दिए जाने की मांग नहीं मानी तो करेंगे आंदोलन

देहरादून। बीटीसी पत्राचार संगठन के पदाधिकारियों की देहरादून में आवश्यक बैठक हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश की भांति उत्तराखंड में भी बीटीसी पत्राचार को मान्यता देने तथा कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई । विगत 25 अप्रैल 2022 को उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने बीटीसी पत्राचार प्रशिक्षण के पंजीकृत प्रशिक्षितों के पक्ष में फैसला सुनाया जोकि ‘पत्राचार बीटीसी एवं रेगुलर बीटीसी को समकक्ष मान्यता दी गई’ तथा शासन को तत्काल नियुक्ति के आदेश दे दिए गए हैं इसी तर्ज पर उत्तराखंड सरकार की ओर से भी बीटीसी पत्राचार प्रशिक्षितों को समान अधिकार मिलना चाहिए।

अतः बैठक में पूरी रणनीति तय की गई है अगर किन्ही कारणों से सरकार नहीं मानती तो न्यायालय की शरण में जाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा, और इस बीच एक प्रदेश स्तर पर बैठक का आयोजन रखा जाएगा। जिसमें सभी बीटीसी पत्राचार प्रशिक्षितों की उपस्थिति अनिवार्य है समय बैठक से 2 दिन पूर्व सूचना दी जाएगी ।
बैठक में जितेंद्र कुंवर प्रदेश अध्यक्ष, भरत बर्थवाल प्रदेश महासचिव, संगीता भट्ट प्रदेश महामंत्री,बुद्धि बल्लभ जसोला कोषाध्यक्ष, मनमोहन भट्ट संयोजक, परमेश्वरी बहुगुणा और दुर्गा भट्ट संरक्षक आदि उपस्थित थे।

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