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हड़ताल का दिखा असर: ऊर्जा कर्मचारियों के साथ हरक की बैठक शुरू!

उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है जी हां जैसा कि आप सभी जानते हैं कि विद्युत विभाग के कर्मचारी ने हड़ताल का ऐलान किया। पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली ,ग्रेडपे एसीपी, संविदा कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति जैसी मांगों को लेकर उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने 26 जुलाई से दो दिवसीय धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
इसके साथ ही कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने प्रदेश की जनता से एक अपील भी की है जिसमें कर्मचारियों ने कई जगहों पर एक पोस्टर चस्पा किया है। जिसमें लिखा है की अगले 2 दिनों तक विद्युत कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। लिहाजा लोग अपने घरों में टॉर्च और मोमबत्तियां की व्यवस्था कर ले।
इसी के मद्देनजर विद्युत विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने अब ऊर्जा कर्मचारियों को मनाने का मोर्चा संभाला है। ऊर्जा कर्मचारियों के साथ हरक सिंह रावत की बैठक शुरू हो गई है।
खाना कि ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि हरक सिंह रावत बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पहले ही उनको मना लेंगे यदि अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रदेश की बिजली व्यवस्था चरमरा जाएगी। उत्तराखंड राज्य में 27 जुलाई 2021 की प्रथम पाली से बिजली कर्मचारियों की चालू हड़ताल का असर दिखने लगा है।

 

रुड़की, उधम सिंह नगर और हरिद्वार के औद्योगिक क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है, जो विद्युत लाइनें ब्रेकडाउन में आ गई थी। अब उन्हें ठीक करने वाले सभी कर्मचारी हड़ताल पर डटे हैं, जिस कारण से प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत व्यवस्था पुन: बहाल नहीं हो पा रही है।
हड़ताल पर बैठे ऊर्जा कर्मियों का आरोप है कि 26 जुलाई 2021 को ऊर्जा सचिव की हठधर्मिता के कारण बिजली कर्मचारियों के साथ शासन की वार्ता विफल रही। ऊर्जा सचिव दोपहर 12 बजे से रात्रि 10 बजे तक 10 घंटे के दौर वाली वार्ता में मुख्य बिन्दुओं पर वार्ता न करके इधर उधर की बातें ही करती रहीं। जैसे मानों उत्तराखंड की जनता और कर्मचारियों की उन्हें कोई फिक्र ही न हो।
बिजली कर्मचारियों की लम्बे समय से लंबित, जायज व न्याय पूर्ण समस्याओं व मांगों पर शासन द्वारा समाधान की पहल ना करते हुए जानबूझकर टालमटोल जारी रखी गई। जिससे बिजली कर्मचारियों को मजबूरी में हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा।
ऊर्जा के तीनों निगमों, यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल के हजारों कर्मचारियों की हड़ताल का 12 घंटे में ही असर दिखने लगा है। प्रदेश के आधा दर्जन पावर हाउस में बिजली उत्पादन ठप हो गया है। इससे अगले कुछ घंटों में उत्तराखंड का संकट गहरा सकता है। मनेरी भाली , छिबरो, ढालीपुर, कुल्हाल, ढकरानी, तिलोथ खोदरी में उत्पादन बन हो गया है।
दरअसल जगह-जगह चस्पा किए गए अपील में लिखा हुआ है कि “उत्तराखंड विद्युत अधिकारी एवं कर्मचारी संयुक्त मोर्चा द्वारा 26-27 जुलाई 2021 मध्य रात्रि 12:00 बजे से होने वाली हड़ताल के मद्देनजर संयुक्त मोर्चा आपसे निवेदन करता है कि आप सभी लोग अपने अपने स्तर से उचित व्यवस्था करें (जैसे कि मोबाइल फोन की चार्जिंग, टॉर्च इत्यादि की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।
ताकि विद्युत बाधित होने की स्थिति में किसी भी अप्रिय घटना का सामना ना करना पड़े तथा आप सभी सम्मानित जनता से यह भी निवेदन है कि विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्च हड़ताल नहीं करना चाहता है परंतु मोर्चा अपने उचित एवं पूर्व से मिल रही व्यवस्थाओं के हटाए जाने पर हड़ताल के लिए बाध्य है अतः आपसे सभी से निवेदन है कि टॉर्च एवं कैंडल्स की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।
उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के सचिव संदीप शर्मा का कहना है कि प्रदेश के कोने-कोने से कर्मचारी इस धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे और ऊर्जा भवन तक जुलूस निकालेंगे। उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनकी 14 सूत्रीय मांगों पर जल्द फैसला नहीं किया तो कर्मचारी 27 जुलाई से हड़ताल पर चले जाएंगे।

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