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भगवान भरोसे महकमा! आखिर कैसे मिलेगा न्याय.?

ब्यूरो रिपोर्ट कोटद्वार: उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है। पौड़ी जिले का एकमात्र श्रम विभाग का कार्यालय व्यवस्थाओं पर संचालित हो रहा है. पिछले एक साल से कार्यालय में श्रम निरीक्षक और सहायक श्रम आयुक्त की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. जिस कारण औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की वयवस्था राम भरोसे है. वहीं, दूसरी ओर श्रमिकों से जुड़ी समस्याओं को सुनने वाला भी कोई नहीं है.
गौर हो कि मंगलवार सुबह सिडकुल जसोधरपुर स्थित एक फैक्ट्री में कार्य के दौरान एक श्रमिक की मौत हो गई थी. पुलिस की मानें तो श्रमिक फैक्ट्री में ऊंचाई पर लगी क्रेन की मरम्मत का कार्य कर रहा था, इसी दौरान उसे करंट लग गया और वह क्रेन से जमीन पर गिर गया. जिससे श्रमिक की मौत हो गई.सरकारी तंत्र के किसी भी अधिकारी ने घटनास्थल पहुंचकर निरीक्षण करने की जहमत नहीं उठाई.
श्रमिक की मौत ने फैक्ट्री में श्रमिकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. श्रम मंत्री की विधानसभा में कई लोग श्रम कार्ड के जरिए सरकारी योजना का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन जिन जरूरतमंद श्रमिकों के कार्ड तक नहीं बन पाए हैं. आज भी श्रम कार्ड और विभाग की ओर से मिलने वाली सुविधाओं से कोसों दूर हैं. हालत यह है कि श्रम विभाग के अधिकारी को यह तक जानकारी नहीं की औद्योगिक क्षेत्रों में कितने श्रमिक विभाग में पंजीकृत हैं.
बता दें कि कोटद्वार में श्रम विभाग कार्यालय का संचालन पिछले करीब एक साल से हरिद्वार से किया जा रहा है. कोटद्वार में सहायक श्रम आयुक्त व श्रम निरीक्षक के पद करीब एक साल से खाली पड़े हैं, हरिद्वार के सहायक श्रम आयुक्त को कोटद्वार कार्यालय का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. विभाग की मानें तो हरिद्वार में कार्य की अधिकता के कारण अधिकारी कभी कभार कोटद्वार आते हैं.
पूर्व में फैक्ट्री क्षेत्र में हुए एक हादसे में श्रमिकों की जान गई थी। इसके बाद श्रम अधिकारियों को फैक्ट्री क्षेत्र में श्रमिकों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए गए थे। जल्द ही सभी फैक्ट्रियों में श्रमिक सुरक्षा की औचक निरीक्षण करवाया जाएगा। -डा. हरक सिंह रावत, श्रम मंत्री, उत्तराखंड

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