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कोटद्वार नगर निगम में सामने आया फर्जीवाड़ा का मामला, तीन चेकों के माध्यम से डकारी लाखों की धनराशि

कोटद्वार।  बीते वर्ष कोटद्वार नगर निगम के खाते से गायब हुई 22 लाख की धनराशि संबंधी मामले का पटाक्षेप भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर निगम में नया घोटाला हो गया। इस मर्तबा जहां एक ओर फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक महिला ठेकेदार को लाखों के बिलों का भुगतान कर दिया गया, वहीं तीन चेकों के माध्यम से भी लाखों की धनराशि डकार ली गई। नगर आयुक्त की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने दो के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है।

कोतवाली में दी गई तहरीर

नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी की ओर से इस संबंध में कोतवाली में तहरीर दी गई। तहरीर में कहा गया है कि निगम की बैलेंस शीट तैयार करने के दौरान यह बात सामने आई कि निगम में कूटरचित चेक बनाकर 23.89 लाख के सरकारी धन का गबन किया गया। कहा गया है कि नगर निगम में एक महिला ठेकेदार को 2021 में पंजीकृत किया गया। इस ठेकेदार को उस कार्य का भुगतान किया गया, जिस कार्य का भुगतान 2019 में किशोर कुमार को किया जा चुका था।

फर्जी हस्ताक्षरों से तैयार किए बिल

भुगतान से पूर्व फर्जी तरीके से इस महिला ठेकेदार का नाम 2019 की निविदादाता सूची में अंकित किया गया। साथ ही अवर अभियंता के फर्जी हस्ताक्षरों से बिल तैयार कर 17 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया गया। एक अन्य मामले में अखिलेश कुमार के नाम से एक चेक काटा गया, जिसका भुगतान बैंक से लिया गया। जबकि नगर निगम में अखिलेश कुमार के नाम से कोई ठेकेदार पंजीकृत नहीं है।

तहरीर में यह भी कहा गया है कि मोहम्मद आसिफ के नाम से भी दो चेक काटे गए, जिनका भुगतान भी सीधे बैंक से लिया गया। जबकि मोहम्मद आसिफ ने उन्हें किसी भी तरह का भुगतान होने से इन्कार किया। कोतवाली प्रभारी विजय सिंह ने बताया कि दी गई तहरीर के आधार पर ठेकेदार सुमिता देवी व पंकज रावत के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर दिया गया है।

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