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कांवड़ यात्रा से जुड़ी बड़ी ख़बर! नियम का उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्यवाही: SSP

ब्यूरो रिपोर्ट: कोरोना की तीसरी लहर की चिंताओं के बीच कांवड़ यात्रा को आगे बढ़ाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से सुप्रीम कोर्ट नाराज है।कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों और केंद्र सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है। इस बीच कांवड़ यात्रा भी शुरू होने वाली है। कांवड़ यात्रा का धार्मिक महत्व है और भक्तों का इससे अत्यधिक भावनात्मक जुड़ाव।

उत्तराखंड सरकार ने तो कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा की अनुमति दी है, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट नाराज है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 16 जुलाई को करेगा। आखिर क्यों सब इस बात से डर रहे हैं कि यदि कांवड़ यात्रा को अनुमति मिली तो यह कोरोना के लिए सुपर स्प्रेडर, यानि कोरोना के तीव्र प्रसार का कारण बन सकती है?

कांवड़ संगठनों से बात कर कांवड़ यात्रा से जुड़ी तैयारियां हो गई हैं। हर साल की तरह इस साल भी 25 तारीख से प्रदेश में कांवड़ यात्रा शुरू होगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि कोविड़ नियमों का पालन हो और लोगों की आस्था का भी ध्यान रखा जाएं -उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह

बुधवार को एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस द्वारा कांवड मेला वर्ष 2021 स्थगित किये जाने के सम्बन्ध में जनपद के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

पुलिस लाइन्स रोशनाबाद हरिद्वार स्थित सभागार में एसएसपी हरिद्वार की अध्यक्षता में राज्य सरकार द्वारा कांवड मेला 2021 स्थगित किये जाने के आदेश निर्गत किए जाने के उपरान्त हरिद्वार पुलिस की बार्डर पर आने वाले कांवडियों को रोकने की रणनीती के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गयी।

हरिद्वार पुलिस के सभी अधिकारी गण की मौजूदगी में एसएसपी द्वारा सभी क्षेत्राधिकारी, कोतवाली प्रभारी एवं थानाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण (तीसरी लहर) से आम जनता की जान की सुरक्षा के दृष्टिगत उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कांवड मेला 2021 स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।

कांवड मेला में देश के कोने कोने से शिव भक्तों का हरिद्वार आवागमन रहता है। सरकार के निर्णय के पालन हेतु प्रशासन से समन्वय स्थापित कर समस्त आवश्यक तैयारियां कर बार्डर पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल नियुक्त करेंगे। तथा शासन द्वारा निर्गत आदेशों के अनुरुप कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगें। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से उक्त स्थगन आदेश के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार प्रसार करें।

साथ ही एसपी क्राइम, एसपी ग्रामीण व एसपी सिटी को निर्देशित किया कि वह समय से उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों से बार्डर मीटिंग आयोजित करते हुए सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को सीज करने की कार्यवाही के बाद पार्किंग स्थलों का समय से चयन करते हुए आवश्यक कार्यवाही कर उक्त स्थलों पर पहले से ही पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल नियुक्त किया जाए। साथ ही बार्डर प्वाइंट्स पर अनुभवी पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नियुक्त किया जाए।

ज्यादातर कांवड़ यात्री दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के होते हैं।
दिल्ली समेत और उसके पड़ोसी राज्य जैसे हरियाणा, राजस्थान के अधिकांश कांवड़िए आमतौर पर हरिद्वार की ओर जाते हैं।
तीर्थयात्री यूपी के मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, शामली, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, बरेली, खीरी, बाराबंकी, अयोध्या, वाराणसी, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर, झांसी, भदोही, मऊ, सीतापुर, मिर्जापुर और लखनऊ  भी जाते हैं।

कांवड़िए काशी में विश्वनाथ मंदिर और मेरठ में औघरनाथ मंदिर में जलाभिषेक करते हैं। वहीं कांवड़ यात्रा के तीर्थयात्रियों के बीच लोकप्रिय अन्य मंदिर देवगढ़-झारखंड का बैद्यनाथ धाम और वासुकीनाथ मंदिर है जहां हर साल बिहार और झारखंड के हजारों कांवड़िए भगवान शिव को जल चढ़ाते हैं।

कहां-कहां हैं शिव का धाम

  • केदारनाथ धाम- उत्तराखंड

  • विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग- उत्तर प्रदेश

  • वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग- झारखंड

  • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग- मध्यप्रदेश

  • ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग- मध्यप्रदेश

  • सोमनाथ ज्योतिर्लिंग- गुजरात

  • नागेश्वर ज्योतिर्लिंग- गुजरात

  • भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग- महाराष्ट्र

  • त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग- महाराष्ट्र

  • घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग- महाराष्ट्र

  • मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग- आंध्रप्रदेश

  • रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग- तमिलनाडु

 वहीं पश्चिम बंगाल में 300 साल पुराने तारकनाथ मंदिर में भी लोग जल अर्पित करने पहुंचते हैं। इसके अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी लोग इसी तरह प्रमुख ज्योतिर्लिंगों पर भी जलाभिषेक करने जाते हैं। सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान 12 ज्योतिर्लिंगों पर गंगाजल चढ़ाने और भगवान शिव के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। मान्यता है कि इन पवित्र मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

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