बड़कोट से अनिल रावत की रिपोर्ट: उत्तराखंड से बड़ी ख़बर सामने आ रही है। आज बड़कोट व्यापर मण्डल की सभी पदाधिकारियों व जनप्रतिलिधियों के द्वारा उपजिलाधिकारी के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़कोट में महिला रोग विशेषज्ञ व गाइनोलोजिस्ट के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में मांग की गई कि रवॉई घाटी के सभी सामुदायिक केन्द्रों में राज्य बनने के बाद से अब तक महिला रोग विशेषज्ञ व सर्जन की नियुक्ति नहीं हुई है। पूरे रवॉई क्षेत्र की जनता नौगॉव, पुरोला व बड़कोट सामुदायिक केन्द्रों पर निर्भर है। गाँव से सभी सामुदायिक केन्द्रों की दूरी 20 से 30 कि0मी0 है। जिनमें पहुंचने में काफी समय लगता है।
गर्भवती महिलाओं को इस समस्या से अपनी जान तक गवानी पड़ती है। सामुदायिक केन्द्रों में सुविधा न होने के कारण देहरादून रेफर किया जाता है। देहरादून की दूरी लगभग 140 कि0मी0 है। जिसमें पहुंचते- पहुंचते कई महिलायें अपना दम तोड़ चुकी है। विज्ञापन में आग्रह किया गया कि क्षेत्रवासियों की समस्या को मध्यनजर रखते हुए अतिशीध्र समस्या का समाधान किया जाए।
दरअसल क्षेत्रवासियों में काफी आक्रोश है, जल्दी समाधान न होने पर आमजन को सड़कों पर प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। धनवीर रावत महामंत्री ने सरकार को सुझाव दिया कि अगर पहाड़ों के सामुदायिक केन्द्रों के वर्तमान
डॉक्टरों को अलग अलग क्षेत्र के विशेषज्ञता का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाकर के उन्हीं से दूसरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधायें का लाभ दिलाई जा सकती है, जिससे पहाड़ों से शहरो की तरफ नियुक्ति मांगने पर विराम लग सकता है।
इस अवसर पर राजाराम जगूड़ी, धनवीर रावत, राजेश उनियाल, मनोज अग्रवाल, त्रेपन असवाल, मंजीत रावत, मदन जोशी, महिताब धनाई, मंगलानन्द पेटवाल, राकेश बधानी व अन्य व्यापारी उपस्थित थे।