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CM समेत इन कुर्सियों पर होंगे नए चेहरे! दोनों के लिए होगा ये नया अनुभव

ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: जैसे-जैसे उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सियासी गलियारों में बयानबाजी का दौर तेज होता जा रहा है. उत्तराखंड में आगामी विधानसभा 2022  चुनाव की तैयारियों में सभी पार्टियां जुट गई है। सभी राजनीतिक पार्टियां अपने नेताओं को एकजुट करने में लगी हुई है। तो वहीं उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सेशन 23 अगस्त से शुरू होने जा रहा है.
दरअसल चुनाव पूर्व इस सेशन के हंगामेदार रहने के आसार हैं. इसके लिए पक्ष और विपक्ष दोनों ने तैयारियां शुरू कर दी है. 23 से 27 अगस्त तक होने जा रहे विधानसभा के मॉनसून सेशन में इस बार सदन का नजारा बदला-बदला होगा. नेता प्रतिपक्ष और नेता सदन की दोनों सीटों पर नए चेहरे होंगे. बतौर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और बतौर नेता सदन सीएम पुष्कर धामी पहली बार सेशन अटैंड कर रहे  होंगे. दोनों के लिए ये नया अनुभव होगा.
गौर हो कि चुनाव से ठीक पूर्व होने जा रहे इस सेशन के हंगामेदार रहने के भी आसार हैं. मुददों की फेहरिस्त बनाने में जुटे विपक्ष ने इसके संकेत भी दे दिए हैं. नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि सेशन का समय बहुत कम है, लेकिन, हमारे पास सदन के साथ सड़क का विकल्प भी मौजूद है. जनता के हर मसलों को सदन में उठाया जाएगा.
इन कुर्सियों पर होंगे नए चेहरे: सदन में नेता प्रतिपक्ष, नेता सदन के साथ ही इस बार संसदीय कार्यमंत्री भी नए होंगे. संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक की जगह अब मंत्री बंशीधर भगत ने ले ली है. पूर्व संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक का कहना है कि सरकार की तैयारियां पूरी हैं. जहां तक कांग्रेस की बात है वह आपसी लड़ाई में ही इतनी उलझी हुई है कि उसे जनता के मुददों से कोई सरोकार नहीं है. सरकार को घेरना दूर की बात है.
चुनाव से पहले अंतिम सत्र: चुनाव में जाने से पहले विधानसभा का ये अंतिम सेशन होगा. इसिलिए विपक्ष सरकार को घेरने का कोई भी मौका चूकना नहीं चाहेगा. देवस्थानम बोर्ड, भू कानून जैसे कई मुद्दे हैं, जिन पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है. तो सत्ता पक्ष की कोशिश होगी कि विपक्ष के हाथ ऐसा कोई मौका ही न लगने दे कि सरकार को घेरा जा सके.
हालांकि, संभावना ये भी है कि चुनाव में जाने से पूर्व दिसंबर में अनुपूरक बजट पास करने के लिए सरकार एक या दो दिन का सेशन फिर आहूत कर सकती है. लेकिन, अनुपूरक बजट पास करने की बाध्यता के चलते ये सेशन महज औपचारिकता भर होगी.

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