ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून. उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी ख़बर सामने आ रही है। जहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद पर एक महीना पूर्ण हो गई है। कथित ‘संवैधानिक संकट’ के चलते तीरथ सिंह रावत की जगह उत्तराखंंड के मुख्यमंत्री के रूप में 4 जुलाई को पुष्कर सिंह धामी ने कुर्सी संभाली थी. अपेक्षाकृत युवा धामी के नाम की घोषणा के साथ ही राज्य भाजपा के दिग्गज नेताओं में एक हलचल दिखी थी और धामी के सामने चुनौती थी कि वो सबको साध सकें.
बहरहाल, एक महीना पूरा करते हुए धामी ने न केवल अपनी कुशलता पार्टी और सरकार को साधने में दिखाई बल्कि जनता को लुभाने में भी वह पीछे नहीं रहे. आगामी साल में विधानसभा चुनावों का उन्होंने पूरा खयाल रखते हुए कई लुभावनी घोषणाएं और फैसले भी किए. धामी के 30 दिनों के खास 30 बड़े बिंदुओं पर एक नज़र डालिए.
बड़े पैकैज से बड़े फायदे
1. कोविड-19 ने उत्तराखंड पर्यटन की कमर तोड़ी तो धामी ने इस सेक्टर के करीब 1.64 लाख लोगों को राहत देते हुए 200 करोड़ का पैकेज मंज़ूर किया.
2. स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में प्रोत्साहन और राहत के लिए 205 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया, जिससे करीब पौने चार लाख लोग सीधे लाभ पाएंगे.
3. इसी पैकेज में आंगनबाड़ी और आशा वर्करों को पांच महीने तक दो-दो हज़ार रुपये की राशि मिलेगी. यह एक बड़ा वर्ग है.
4. पिथौरागढ़ और हरिद्वार में मेडिकल कॉलेजों के लिए कुल 140 करोड़ की रकम जारी की.
चुनाव के लिहाज़ से लोक लुभावन फैसले
5. राज्य में खाली पड़े 24 हज़ार पदों पर भर्ती की घोषणा.
6. वर्ग ग में जॉब के लिए आयुसीमा बढ़ाई.
7. अतिथि शिक्षकों की सैलरी बढ़ाकर 25000 करना.
8. राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल और कोर्ट के दखल के बाद 34 करोड़ की रकम जारी करना.
9. श्रीनगर, हल्द्वानी व देहरादून के मेडिकल कॉलेजों में 501 पद बनाना.
10. एमबीबीएस के इंटर्नों के स्टाइपेंड में दोगुनी से भी ज़्यादा बढ़ोत्तरी यानी 7500 से 17000 रुपये करना.
11. यूपीएससी, एनडीए, सीडीएस जैसी लिखित परीक्षाओं को पास करने पर आगे की तैयारी के लिए परीक्षार्थियों को 50 हज़ार की मदद देना.
12. उपनल कार्मिकों की मांगों को लेकर कैबिनेट उपसमिति बनाना.
13. पीएससी के तहत और समूह ग के पदों पर चयन के लिए आयुसीमा में एक साल की छूट देना.
कोविड के मोर्चे पर धामी के तेवर
14. कोविड पीड़ित परिवारों के बेसहारा बच्चों को वात्सल्य योजना के तहत सामाजिक सुरक्षा और मदद देना.
15. इस साल के अंत तक राज्य में सौ प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य बनाना.
16. हर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य मेले लगाने का ऐलान.
17. तीसरी लहर के लिहाज़ से राज्य में 1945 पैडियाट्रिक ऑक्सीजन बेड, 739 एनआईसीयू, पीआईसीयू बेड चिह्नित करवाना.
18. 10 अगस्त तक सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक केंद्रों और उपकेंद्रों तक ज़रूरी दवाएं उपलब्ध कराने का आदेश देना.
19. बच्चों के लिए माइक्रो न्यूट्रिएंट की व्यवस्था करने के आदेश देना.
लोगों के लिए और भी योजनाएं
20. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 16472 लोगों को आवास को मंजूरी.
21. मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ.
22. एक सितंबर से प्रदेश में सैन्य सम्मान यात्रा शुरू की जाएगी.
23. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उत्तराखंड से वीरांगनाओं एवं वेटरनों की प्रतिमाह पेंशन 10 हजार रुपये करना.
24. सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के बच्चों की पढ़ाई के लिए हल्द्वानी में छात्रावास की घोषणा.
25. प्राकृतिक आपदा में राहत कार्यों के लिए पिथौरागढ़ में दो माह हेलीकॉप्टर तैनाती करवाना.
राजनीति के मैदान में धामी
26. वरिष्ठों और दिग्गजों का साथ व समर्थन लगभग हासिल कर लेना.
27. अपने पूर्ववर्ती सीएम के उलट किसी बयान के चलते विवादों में न रहना.
28. पिछले सीएम के उलट ही आधिकारिक सीएम हाउस में प्रवेश करना. हालांकि धामी ने ‘मनहूस’ माने जाने वाले इस आवास में प्रवेश से पहले वास्तु और अन्य दोषों की शांति के लिए हफ्ते भर की पूजा करवाई.
29. अपने कार्यकाल को धामी ने जिन संकल्पों के साथ शुरू किया, उनमें उन्होंने पार्टी की विचारधारा, चुनावी तैयारी और सभी नेताओं को साधने के साथ ही जनता के बीच भाजपा की छवि के नज़रिये को ध्यान में रखा.
आखिर में, धामी ने अपने एक महीने के कार्यकाल में देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे पर भी बाज़ी मारने की कोशिश की. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में इस बोर्ड का गठन हुआ था, जिसका विरोध चार धामों के पुरोहित खास तौर से लगातार कर रहे हैं. इस मामले में कानूनी पहलुओं का अध्ययन करते हुए इस मसले को सुलझाने के लिए धामी सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति बनाई और यह संदेश दिया कि वो इसके हल के लिए संकल्पित हैं.