ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: उत्तराखंड से बड़ी ख़बर सामने आ रही है, प्रदेश की धामी सरकार ने महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है जी हां आज सरकार ने महा लक्ष्मी योजना का शुभारंभ कर दिया है ।
प्रदेश के सभी जनपदों में बालिका दर में सुधार लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना लाई गई है. इसका शुभारंभ आज मुख्यमंत्री जनता दर्शन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया.
इससे पहले इस योजना का शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ओर से बीती 30 जून को किया जाना था. लेकिन प्रदेश में अचानक राजनीतिक परिवर्तन होने के चलते इसका शुभारंभ टाल दिया गया था.
बालिकाओं के प्रोत्साहन के लिए शुरू हुई महालक्ष्मी योजना के तहत बालिका और मां को दी जाएगी ।महालक्ष्मी किस प्रदेश से कई महिलाएं अपने छोटे बच्चों और बेटी के साथ इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
बता दें कि इस योजना के तहत गर्भवती महिला के साथ ही पैदा होने वाली नवजात बालिकाओं के बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए विशेष किट प्रदान की जा रही है. मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना के अंतर्गत मां एवं 2 नवजात बालिकाओं/जुड़वा बालिकाओं के जन्म पर महालक्ष्मी किट प्रदान की जा रही है.
इसमें जच्चा-बच्चा से संबंधित विभिन्न प्रकार की वस्तुएं जैसे कंबल, बच्चे और मां के कपड़े और ड्राई फ्रूट्स इत्यादि शामिल हैं. विभिन्न जनपदों से भी वर्चुअल माध्यम से कई महिलाएं जुड़ी वही इस योजना के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के लिए सामग्री भी दी जाएगी।
जिसमें बादाम गिरी सूखी कुमाऊनी अखरोट छुआरा तोलिया ब्लैंकेट गरम शॉल गरम बेडशीट सेनेटरी नैपकिन सरसों का तेल नेल कटर 2 जोड़ी जुराब और कपड़े धोने का साबुन इस किट में दिया गया है।
वही कन्या शिशु के लिए दी जाने वाली किट में शिशु के कपड़े सूती , लंगोट के कपड़े ,बेबी तोलिया कॉटन बेबी साबुन तेल बेबी पाउडर रबर शीट बेबी ब्लैंकेट टीकाकरण कार्ड स्तनपान पोषाहार कार्ड दिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ तौर पर कहा कि यह उनकी सरकार के द्वारा माता और बच्चे दोनों के लिए उपहार की तरह है।
दरअसल इसके साथ ही इस एक किट में नवजात बालिका के टीकाकरण से संबंधित जानकारी भी उपलब्ध है. महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि प्रदेश भर में 16 हजार से ज्यादा महिलाओं को वर्चुअल माध्यम से मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट का वितरण किया गया. एक साल में 50 हजार से ज्यादा महिलाओं को यह किट बांटने का लक्ष्य रखा गया है.
बात अगर मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना के उद्देश्यों की करें तो इसमें संस्थागत प्रसव के दौरान बालिका दर को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता है. मातृ मृत्यु दर एवं बालिका मृत्यु दर में कमी लाना भी इसका प्रमुख कारण है.
प्रसव के समय मां एवं बालिका को आवश्यक सामग्री प्रदान करना, जिससे मां एवं बालिका की अतिरिक्त देखभाल की जा सके, उस लिहाज से भी ये योजना काफी लाभदायक है.
स्तनपान के बारे में जानकारी विशेषकर नवजात बालिका को पहले एक घंटे के अंदर स्तनपान कराए जाने के संबंध में प्रसव उपरांत स्वच्छता के बारे में जागरूक करना भी इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. अगर कोई गर्भवती महिला मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना का लाभ लेना चाहती है, तो इसके लिए संबंधित गर्भवती महिला का आंगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण करवाना होगा.
इसके साथ ही उत्तराखण्ड का स्थायी निवासी होना भी अति आवश्यक है.आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकरण, माता-शिशु रखा कार्ड की प्रति, संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र, यदि घर पर प्रसव हुआ है तो आंगनबाड़ी या आशा वर्कर द्वारा जारी प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की प्रति, पहली, दूसरी या जुड़वा कन्या के जन्म की स्वप्रमाणित घोषणा, नियमित सरकारी, अर्द्धसरकारी सेवक एवं आयकरदाता न होने का प्रमाण पत्र।
प्रदेश में पात्र लाभार्थियों तक योजना का लाभ पहुंचे इसके लिए लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है। विभाग की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग योजना से जुड़ें। -रेखा आर्य, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री
इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्य भी कार्यक्रम में मौजूद रहे ।