उत्तराखंड की 1810 किमी सड़कों पर नहीं लगे क्रैश बैरियर, लोक निर्माण विभाग के रवैये ये मुख्य सचिव खफ़ा
देहरादून। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों के बीच सड़कों के रखरखाव को लेकर लोक निर्माण विभाग बहुत अधिक गंभीर नजर नहीं आ रहा है। स्थिति यह है कि प्रदेश के 4655.65 किमी मार्ग पर क्रैश बैरियर लगाए जाने प्रस्तावित हैं। इनमें से विभाग ने केवल अभी तक 2844.89 किमी मार्ग पर ही क्रैश बैरियर लगाए हैं। अभी 1810 किमी मार्ग पर क्रैश बैरियर लगाए जाने शेष हैं। इसे देखते हुए मुख्य सचिव एसएस संधू ने लोक निर्माण विभाग और परिवहन विभाग को पत्र लिखकर प्राथमिकता के आधार पर क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश दिए हैं
प्रदेश में पर्वतीय व ग्रामीण मार्गों पर दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जून 2021 में हुई कुल 575 सड़क दुर्घटनाओं में से 300 दुर्घटनाएं ग्रामीण व पर्वतीय मार्गों पर हुई। इनमें 212 व्यक्तियों की मौत हुई और 276 घायल हुए। उत्तराखंड के अधिकांश पर्वतीय मार्ग घुमावदार हैं। इनके एक और पहाड़ तो दूसरी ओर गहरी खाई होती है। ऐसे में खाई वाली तरफ पैराफिट लगाए जाते हैं। जहां पैराफिट नहीं होते वहां क्रैश बैरियर लगए जाते हैं।
इसका मकसद यह कि वाहन मोड़ काटते हुए यदि संतुलन खोते हैं तो इन क्रैश बैरियर से टकराकर उनके वाहन खाई में न गिरें। इसके लिए वर्ष 2018 में परिवहन विभाग ने एक सर्वे किया था। इसमें यह बात सामने आई कि प्रदेश में कुल सड़कों की लंबाई तकरीबन 12299.34 किमी है। इनमें से 4655.64 किमी सड़क ऐसी हैं जहां क्रैश बैरियर लगाए जाने की जरूरत है।
हाल ही में मुख्य सचिव एसएस संधु द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर की गई बैठक में यह बात सामने आई कि अभी तक इनमें से 2844.89 किमी सड़क पर ही क्रैश बैरियर लगाए गए हैं। इसे देखते हुए मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग और परिवहन विभाग को मार्गों को संयुक्त सर्वे करते हुए संवेदनशील स्थलों को चिह्नित करते हुए प्राथमिकता के आधार पर क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश दिए हैं।