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देवभूमि में फिर कांपेगी धरती! वैज्ञानिकों ने कही यह बात..

ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: उत्तराखंड में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते भूकंप और आपदा जैसे हालात बनना आम बात है. यही वजह है कि भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड को जोन चार और पांच में रखा गया है. ऐसे में अब मॉनसून सीजन के बाद हिमालयी क्षेत्रों में भूकम्प के आने की संभवना है.
दरअसल उत्तराखण्ड में भूस्खलन की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। वहीं सोशल मीडिया पर भरभरा कर देखते ही देखते चंद सेकेेंड में एक होटल धराशायी होने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। 2013 की आपदा की यादेें एक बार फिर तब ताजा हो गई जब उत्तराखंड के चमोली जिले से एक होटल पल भर में जमीदोज हो गया। जिसका खतरनाक विडियो सामने आया है।
गौर हो कि भारी बारिश के कारण पहाड़ पर जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बता दें कि इसी वर्ष 7 फरवरी को इसी क्षेत्र में आयी चमोली आपदा की यादें ताजा कर एक बार फिर  डरा रही है। देखिये कैसे पल भर में जमीदोज हो गई है ये इमारत।इस विडियों को देखिए-

 

बताते चलें कि भूस्खलन के कारण जहां बद्रीनाथ एनएच कई बार घंटों से लेकर दिनों तक अवरूद्ध हो रहा है। यह ताजा तस्वीरें चमोली बद्रीनाथ मार्ग की है, जहां लैंडस्लाइड के कारण एक तीन मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह खाई में जा गिरी।
पहाड़ों पर हो रही लैंडस्लाइड की घटनाओ ने लोगो की मुश्किलें बढ़ा दी है। आपको बता दें कि लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में आवास कर रहे लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई है। उत्तराखंड में लैंडस्लाइड से हाइवे घंटो अवरूद्ध रहता है। ताजा तस्वीरें चमोली बद्रीनाथ मार्ग पर की है, जहां लैंडस्लाइड की वजह से एक तीन मंजिला इमारत खाई में समा गई।
गनीमत रही कि जब यह होटल एकाएक देखते ही देखते खाई में समा गया। उस समय कोई भी इस होटल में मौजूद नहीं था। यानी किसी भी तरह के जान माल की सूचना नहीं है।
वहीं वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूकंप वैज्ञानिक ने इस बात की पुष्टि की है कि मॉनूसन सीजन के बाद हिमालयी क्षेत्रों समेत में भूकंप आने की संभावना है.
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ सुशील कुमार रुहेला ने बताया कि अभी तक जो ऑब्जर्व किया गया है, उसके तहत मॉनसून सीजन के बाद सर्दियों का मौसम शुरू होने के दौरान भूकंप आने की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है. जिसकी कई वजह हैं.
डाॅ. सुशील ने बताया कि सर्दियों के मौसम की शुरुआत में भूकंप आने की संभावना पर रिसर्च किया गया, जो हिमालयन जियोलॉजी में पब्लिश हुआ है. जिसके अनुसार सर्दियों का मौसम शुरू होने के दौरान हिमालई क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस होते रहे हैं. ऐसे में इस मॉनसून सीजन के बाद सर्दियों के मौसम शुरू होने के दौरान भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं.
उन्होंने बताया इंडियन प्लेट हर साल 40 से 45 मिलीमीटर तक मूव कर रहा है. इंडियन और यूरेशियन प्लेट के घर्षण से एनर्जी उत्पन्न होती है, जो एक सीमा तक एकत्र होती रहती है. मॉनसून सीजन के दौरान हिमालयन फ्रंट बारिश की वजह से लोडेड हो जाता है.
विंटर आते-आते, इससे जो स्ट्रेस उत्पन्न होता है, वह प्लेट के मूवमेंट से ऐडप हो जाता है. जिसके चलते प्लेट के मूवमेंट से ज्यादा एनर्जी उत्पन्न होती है. लिहाजा, अर्थक्वेक आने की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है. यही वजह है कि सर्दियों की शुरुआत में हिमालयी क्षेत्रों में भूकंप आने की संभावना जताई जा रही है.

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