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ऊर्जा मंत्री हरक और कर्मचारियों की बैठक सफल! सरकार ने लगाया एम्सा

 ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून. ऊर्जा कर्मचारियों की हड़ताल 1 महीने के लिए स्थगित हुई। ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत और कर्मचारियों की बैठक कामयाब रही। हरक सिंह रातव ने 15 दिन के अंदर जायज़ मांगों को विभागीय स्तर पर पूरा करने का भरोसा दिया।
ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत और संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों के बीच बातचीत के बाद ऊर्जा कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल को स्थगित कर दिया. तीनों ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित करने का ऐलान किया है।
उत्तराखंड में हड़ताल पर बैठे तीनों ऊर्जा निगमों के 3500 से ज्यादा कर्मचारियों पर सरकार ने सख्ती बरती है। सोमवार और मंगलवार को वार्ता के बाद भी जब कर्मचारी नहीं माने तो सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है।
सरकार ने दोपहर में ही अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के तहत तीनों निगमों में हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया था। सचिव ऊर्जा सौजन्या ने इसका आदेश जारी किया।बैठक के बाद संयुक्त संघर्ष मोर्चा से जुड़े पदाधिकारियों ने हड़ताल को वापस ले लिया.
बैठक में यूपीसीएल एमडी दीपक रावत भी मौजूद रहे और काफी मंथन के बाद कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने समय मांगा, जिस पर विद्युत कर्मचारी संघ ने सहमति जताते हुए हड़ताल को फिलहाल खत्म कर दिया.
ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल तकरीबन 15 घंटे तक चली. मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि 1 महीने के अंदर संयुक्त संघर्ष मोर्चा की मांगों को पूरा किया जाएगा. यह आश्वासन भी दिया गया कि जायज़ मांगों को विभागीय स्तर पर 15 दिन के अंदर निपटाने का प्रयास किया जाएगा.
वार्ता के बाद मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने मीडिया के सामने हड़ताल स्थगित करने का एलान कर दिया। लेकिन इस पर कई संगठन असहमत होते हुए बाहर चले गए। इस असहमति के बवाल को थामने के लिए मोर्चा की बैठक दोबारा बुलाई गई। बैठक में कहा गया कि जब तक ऊर्जा मंत्री से बातचीत के मिनट्स लिखित में नहीं आएंगे, तब तक वह हड़ताल जारी रखेंगे।
रात करीब साढ़े नौ बजे तीनों निगमों के एमडी के हस्ताक्षर हुए मिनट्स आए, जिस पर कर्मचारी नेताओं ने भी हस्ताक्षर कर दिए। इसके बाद हड़ताल पूर्ण रूप से स्थगित करने की घोषणा कर दी गई। हड़ताल खत्म होते ही बिजली कर्मचारी अपने काम पर लौटने लगे। देर रात तक कई इलाकों में विद्युत आपूर्ति सुचारु हो गई थी।
दरअसल अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा निगम के संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारी सोमवार देर रात से हड़ताल पर थे, जिसके बाद प्रदेश के कई इलाकों में बिजली संबंधी दिक्कतें पेश आईं.

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