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राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा ने बढ़ाया प्रदेश का मान

चंडीगढ़। गुजरात में चल रहे 36वें राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के खिलाडिय़ों ने चार स्वर्ण पदक सहित दस पदक जीत कर राज्य का मान बढ़ाया। इन खेलों में हरियाणा ने 38 स्वर्ण पदक सहित कुल 116 पदक जीते कर पदक तालिका में तीसरे स्थान पर है। सबसे खास बात यह रही कि 38 स्वर्ण पदकों में से हरियाणा ने 37 स्वर्ण पदक ओलंपिक खेलों में जीते हैं, जो किसी भी अन्य राज्य से दोगुने से भी ज्यादा हैं। पिछले तीन संस्करणों में हरियाणा के पदकों की संख्या इस बार सबसे अधिक रही है। पिछले राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा ने 107 खेलों में जीत हासिल की थी।
हालांकि, पदक तालिका में सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड शीर्ष पर हैं। यह भी खुशी और गर्व की बात है कि कुल पदक विजेताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक प्रतिनिधित्व हरियाणा से ही है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी पदक विजेता खिलाडिय़ों को उनकी जीत पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी और भविष्य में भी इसी प्रकार अपना उम्दा प्रदर्शन करने की कामना की। उन्होंने कहा कि विजेता खिलाडिय़ों को राज्य सरकार की खेल नीति के अनुसार पुरस्कार व नौकरियां दी जाएंगी।

उन्होंने कहा कि राज्य के खिलाडिय़ों की मेहनत के बल पर ही आज हरियाणा की खेलों के क्ष़ेत्रों में ऐसी पहचान बनी है कि अन्य राज्य भी हरियाणा की खेल नीति का अनुसरण करने लगे हैं। राज्य के खिलाड़ी इसी प्रकार अपने बेहतरीन प्रदर्शन से हरियाणा और भारत का नाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करते रहेंगे।

उनके अनुसार ओलंपिक खेलों में भारत के पदक विजेत खिलाडिय़ों में एक तिहाई से अधिक प्रतिनिधित्व करने वाला हरियाणा अधिक से अधिक ओलंपिक पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, राज्य सरकार और खेल संस्थानों के सहयोग से उन खेलों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, जिनमें हरियाणा अभी भी पीछे है। हरियाणा खेलों को बढ़ावा देने और अपने एथलीटों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह ने भी खिलाडिय़ों की इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निरंतर खेलों को बढ़ावा देने और खिलाडिय़ों को हर प्रकार की सहायता मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की मिट्टी में खेल रचे बसे हैं। यहाँ के बच्चे बचपन से ही खेलकूद में आगे होते हैं। बस इन्हें एक सही प्लेटफॉर्म और कोच की आवश्यकता होती है, जिनकी बदौलत ऐसे खिलाड़ी ही आगे चलकर रोल मॉडल बनते हैं। हरियाणा सरकार खिलाडिय़ों के हुनर को निखारने और खेलों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

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