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देहरादून में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया नगर निगम का औचक निरीक्षण, अधिकारियों और कर्मचारियों में मचा हड़कंप

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मंगलवार को देहरादून नगर निगम का औचक निरीक्षण किया। सीएम को अचानक कार्यालय में देख अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। इस दौरान सीएम ने सभी कक्षाों में जाकर कर्मचारियों से काम-काज के बारे में जानकारी ली। वहीं, काम के लिए नगर निगम आए लोगों से बातचीत कर निगम की व्यवस्थाओं के बारे में भी पूछा।

सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम में अपने विभिन्न कार्यों के लिए आने वाले लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए। सभी काउंटर पर कार्य की टाइमिंग की जानकारी भी चस्पा की जाए साथ ही आगंतुकों के बैठने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए। इस दौरान उनके साथ नगर आयुक्त अभिषेक रोहिला और नगर निगम के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा की लगातार विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। कार्यों के सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

जल्द धरातल पर उतारी जाएं मुख्यमंत्री की घोषणाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव आनंदवर्द्धन ने मुख्यमंत्री की घोषणाओं की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई और शहरी विकास विभाग को इन घोषणाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरी करने के निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग के तहत दूसरे चरण के निर्माण कार्यों की कुल 510 स्वीकृत घोषणाएं हैं। इनमें से पहले चरण में प्री कंस्ट्रक्शन की 234 स्वीकृत घोषणाएं हैं। बाकी 12 घोषणाएं निरस्त होने वाली हैं जबकि 98 की फाइल शासन को मिल चुकी है।

अपर मुख्य सचिव ने इनका तकनीकी परीक्षण 25 सितंबर तक करने को कहा। 33 घोषणाओं पर काम होना बाकी है। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन घोषणाओं के टेंडर जारी होने के बाद भी काम के आदेश जारी नहीं हुए हैं, उनका दस सितंबर तक आदेश जारी किया जाए। जिन घोषणाओं की शासन से स्वीकृति होने के बाद बजट उपलब्ध होने के बाद टेंडर होने हैं, उनके अक्तूबर के पहले सप्ताह तक टेंडर किए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन घोषणाओं में सर्वे का काम चल रहा है, वह सितंबर में पूरा कर डीपीआर बनाई जाए।

सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि कुल 223 घोषणाओं में 133 के शासनादेश जारी हो चुके हैं। 90 पर कार्रवाई चल रही है। अपर मुख्य सचिव ने विभाग में नाबार्ड के तहत वित्त पोषित घोषणाओं के शासनादेश सितंबर में ही जारी करने के निर्देश दिए। 50 प्रतिशत से अधिक भौतिक प्रगति वाली घोषणाओं को नवंबर तक पूरा करना होगा। 25 प्रतिशत से अधिक एवं 50 प्रतिशत से कम भौतिक प्रगति वाली घोषणाओं को मार्च 2022 से पहले पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि जिन घोषणाओं में बजट उपलब्ध न हो, उनकी लागत एक करोड़ हो, उनके प्रस्ताव मुख्यमंत्री घोषणा सेल को भेजे जाएं।

उन्होंने धारचूला में आपदा प्रभावित क्षेत्र के लिए सिंचाई विभाग को तत्काल कार्ययोजना तैयार करने को कहा। टिहरी के कोटी में घाट के निर्माण की घोषणा को लेकर उन्होंने दोबारा टिहरी विधायक के समन्वय के साथ मौके का निरीक्षण करने को कहा। उन्होंने भगवानपुर औद्योगिक क्षेत्र में जल निकासी के लिए भी तत्काल प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। शहरी विकास विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि विभाग के पास कुल 200 घोषणाएं हैं। इनमें से 138 घोषणाओं में शासनादेश जारी हो चुके हैं। 62 घोषणाओं में कार्रवाई चल रही है। 62 घोषणाओं में से 15 घोषणाओं के प्रस्ताव शासन को प्राप्त हो चुके हैं। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रदेश में विभिन्न नगर पालिकाओं के गठन एवं विस्तारीकरण आदि से जुड़ी घोषणा पर शहरी विकास विभाग समय से प्रस्ताव तैयार करे। उन्होंने निर्देश दिए कि शासन स्तर पर गतिमान घोषणाओं पर तीन माह के भीतर क्रियान्वयन किया जाए।

नगरपालिका क्षेत्र के तहत प्रस्तावित विभिन्न नाली निर्माण से संबंधित बड़ी लागत की परियोजनाओं के लिए शहरी विकास विभाग की ओर से सिंचाई विभाग को कार्यदायी संस्था नामित करते हुए घोषणाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। ऋषिकेश के खांड गांव को नगर पालिका में शामिल करने पर सहमति देते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि कृष्णानगर चूंकि वन क्षेत्र में बसा हुआ है और राजस्व ग्राम नहीं है। इसलिए नियमानुसार एक सप्ताह के भीतर यह बताएं कि यह नगर पालिका में शामिल हो सकता है या नहीं। उन्होंने ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण के लिए ट्रंचिंग ग्राउंड की व्यवस्था संबंधी घोषणा पर एक माह में शासनादेश जारी करने को कहा।

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