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धामी सरकार में ताबड़तोड़ ट्रांसफर का दिखेगा असर! जल्द ही डीएम और एसएसपी स्तर के अधिकारियों की.. 

ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: उत्तराखंड के नवनियुक्त युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम पदभार संभालते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव ओमप्रकाश को हटाने के बाद थोड़ा समय लेकर ही सही लेकिन नोकरशाही में एक बड़ा बदलाव करते हुए साफ संदेश दे दिया है।मुख्यमंत्री ने तबादला सूची में अनुभव और जन भावनाओं का भी ध्यान रखा।

सूत्रों की माने तो सचिवालय में और होली के बाद सीएम अब डीएम कप्तानों की कुंडली बनाने में जुटे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबसे बड़ा फैसला सचिव गृह नितेश झा को हटाने का लिया, जिसकी चारों तरफ तारीफ हो रही है. कहीं न कहीं अधिकारी खुद इस फैसले को सराहनीय बता रहे हैं। कई अफसर खुद ही इस फैसले को सराहनीय बता रहे हैं। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण भी रहे हैं।

पुलिस महकमे की फाइलों का गृह में जाकर डंप हो जाना।डीआइजी गढ़वाल रहते अजय रौतेला की सरकारी स्कॉर्पियो से हुई डेढ़ करोड़ रुपए की चोरी मामले में कोई ठोस एक्शन ना होना वजह माना जा रहा है। साथ ही पुलिस कर्मियों के ग्रेड पर के मसले पर भी सरकार खासा संजीदा है।

सूत्र बताते हैं कि पहले पुलिस महकमे के अफसरों के कारण ही यह मामला बिगड़ा, जिसे बाद में गृह महकमा सही से संभाल नहीं पाया। सोशल मीडिया से लेकर कई जगह पुलिस कर्मियों का गुस्सा खुलकर सामने आया, इसका एक कारण नितेश का जूनियर और सचिव रैंक को ही माना गया, जबकि पुलिस महकमे में कई आईजी इनसे सीनियर रहे हैं।

त्रिवेंद्र राज में आए झा तीरथ राज में ही रहे और तीरथ की रुखसती का मुख्य कारण नौकरशाही के मामले में बेहद खराब फैसले, लचर निर्णय रहे हैं। सीनियर आईएएस आनंद वर्धन प्रमुख सचिव गृह रह चुके हैं। प्रमुख सचिव रहते हुए उन्होंने पुलिसकर्मियों के वेलफेयर से लेकर राज्य के कानून व्यवस्था के मसले पर निर्णय लेने में अच्छे कदम उठाए हैं। इनके पास इन सारी बातों को इनपुट था लिहाजा वर्धन सीएमकेएस होने के साथ-साथ गृह विभाग के टॉप बॉक्स बने हैं।

सचिवालय से लेकर आम आदमी व कई अफसरों में एक चर्चा यह भी है कि, आनंद वर्धन के ग्रह के टॉप बॉक्स बनने के बाद अघोषित तौर पर राज्य में जारी किसी के भी फोन लिसनिंग पर लेने सीडीआर निकलवाने लोकेशन चेक कराने जैसी प्रवृत्ति पर अब रोक लगना तय है। हालांकि ऐसी हरकतों कि कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन अफसर खुलकर बड़े दफ्तरों से लेकर सचिवालय में ऐसी हरकतों की चर्चा करते रहें।

अब बात कल आई तबादला सूची की करें तो आईएएस अफसर अभिषेक रोहिल्ला वादे प्रतीक्षा किए गए हैं। चर्चा यह है कि उन्हें कोई अहम पोस्टिंग मिल सकती है। रोहिल्ला सीडीओ तीली से हटने के बाद कुमाऊं जाने से इंकार कर चुके थे। फिलहाल वह एमपी ट्रांसपोर्ट थे, जहां से उन्हें हटाया गय। सरकार ने आबकारी महकमे में ईमानदार व सरल स्वभाव के रणवीर सिंह चौहान की तैनाती कर स्पष्ट संकेत दे दिए हैं।

जानकारों की माने तो कल हुए तबादलों में सरकार ने ऊर्जा महकमे में दो बड़े फेरबदल किए हैं। इससे मंत्री हरक सिंह रावत खुश नहीं है। दरअसल पेंशन को लेकर बनाई गई कमेटी के सब कमेटी में तैनात आइए सौजन्य से हरक सिंह रावत पहले ही नाराज थे। अब ऊर्जा महकमे में सौजन्य को भेजा गया है। वही सूत्र बताते हैं कि विभागीय एमडी की तैयारी थी ऐसे में तेजतर्रार दीपक रावत की लैंडिंग भी हरक की चिंता बढ़ा गई है।

वही देहरादून डीएम ने आर राजेश कुमार की तैनाती भी काफी हद तक चौकाती है। आशीष श्रीवास्तव हटना लगभग तय माना जा रहा था। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री ने पहली लिस्ट निकाल दी है। ऐसे में जल्द ही अन्य जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों का नंबर भी लगाने की तैयारी की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि कुछ दिनों में पुलिस और आईएएस स्तर के अधिकारियों की ऐसी ही सूची सामने आ सकती है।

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