

सब जानते हैं हरदा के तरकश में बहुत तीर होते हैं।हरीश रावत ने इस बार दलित प्रदेश अध्यक्ष की पैरवी से शुरुआत करते हुऐ कुमाऊं-गढ़वाल के ब्राहमण नेताओं की लंबी फेरहिस्त खड़ी कर केंद्रीय नेतृत्व को कंफ्यूज कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रितम सिंह के पास अपने सिवा कोई दूसरी बेहतर च्वाईस ना होने के कारण वे अध्यक्ष की दौड़ से लगभग बाहर हो चुके हैं।
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