हिमांचल की तर्ज पर उत्तराखंड विधानसभा में भी लागू होगी ई विधानसभा प्रणाली, जानिए क्या होगा फ़ायदा
देहरादून। हिमांचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड विधानसभा में भी ई विधानसभा प्रणाली लागू करने की कवायद शुरू कर दी गई है जिसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड विधान सभा में इस प्रणाली को लागु करने की दिशा में अभी तक की गयी कार्यवाही एवं प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की।
इस मौके पर विधानसभा के अधिकारियों द्वारा उत्तराखंड के ई-विधानसभा मॉडल पर प्रस्तुतीकरण दिखाया गया। बता दें कि ई विधानसभा मॉडल में विधान सभा के सभी रिकॉर्ड्स डिजिटल होंगे, इसमें कोई भी हार्डफ़ाइल नहीं होगी, कोई पेपर वर्क नहीं होगा एवं इस प्रणाली में सब कुछ ऑनलाइन होगा। ई-विधानसभा प्रणाली का उपयोग सबसे पहले हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में किया गया है।
विधानसभा में आयोजित बैठक के दौरान विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल ने अवगत किया कि उत्तराखंड की विधानसभा को ई विधान सभा बनाए जाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया एवं कार्यवाही की जा रही है जिसमें लोकसभा सचिवालय से भी इस संबंध में वार्ता की गई है।प्रभारी सचिव ने अवगत किया कि इस संबंध में विधानसभा से संबंधित डाटा को अपलोडिंग करने का कार्य शुरू कर दिया गया है वहीं चार चरणों में विधानसभा के कार्मिकों को ई विधानसभा प्रणाली से संबंधित कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षण भी दिया गया है। प्रभारी सचिव ने बताया कि उत्तराखंड में ई विधानसभा मॉडल पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर दी गई है जिसे शीघ्र ही भारत सरकार एवं राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान समय में तकनीक का बहुत बड़ा उपयोग है, इसकी बहुत बड़ी आवश्यकता है। दुनिया के जितने भी देशों ने तरक्की की वहां के लोगों ने आधुनिक तकनीक का प्रयोग प्राथमिकता के आधार पर किया।उन्होंने कहा की हमारी विधानसभा उच्च तकनीकयुक्त हो एवं यहां ई-विधान प्रणाली स्थापित की जाए इसके लिए शीघ्र ही आवश्यक क़दम उठाए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा, ‘ई-विधान सभा मॉडल से सरकार को लाखों रुपये और कागज बचाने में मदद मिलेगी, ‘इस प्रक्रिया के माध्यम से न केवल पेड़ों को बचाया जाएगा, बल्कि विधानसभा कार्यों में भी इस प्रणाली से तेजी आएगी।श्री अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा सैकड़ों विभिन्न समिति, रिपोर्टों, विधेयकों, नोटिसों और कई अन्य रिपोर्टों को संभालती है, जो बड़े पैमाने पर कागजी कार्यवाही की मांग करते हैं।ई-विधानसभा मॉडल कागजों से पूरी तरह से छुटकारा दिलाएगा. विधानसभा और पुस्तकालय से जुड़े विभिन्न विभागों के कामकाज को भी इस प्रणाली से कागज रहित बनाया जाएगा। इस अवसर पर समीक्षा अधिकारी पुष्कर रौतेला, समीक्षा अधिकारी अंजली ध्यानी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।