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“एक थी टिहरी”! गत 14 वर्षों से स्मृति संध्या का आयोजन

देहरादून से शगुफता परवीन की रिपोर्ट: ऐतिहासिक टिहरी की स्मृतियों को संजोए रखते हुए “एक थी टिहरी” अनुकृति पर गत 14 वर्षों से स्मृति संध्या का आयोजन किया जा रहा है, उसी क्रम में देहरादून में बल्लूपुर स्थित वनस्थली में टिहरी स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्र हित के लिए सबसे बड़ा त्याग टिहरी के लोगों ने किया है इनका योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि टिहरी की संस्कृति में पौराणिक व ऐतिहासिक महत्व था।टिहरी के प्रति जो स्नेह है वह जलमग्न हो जाने पर भी कम नहीं हुआ।टिहरी अभी भी अपनी अलौकिक सुंदरता और रीति-रिवाजों के लिए प्रसिद्ध है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पर्यटन जो राज्य की रीढ है ,टिहरी झील एक नया आयाम देगी। टिहरी ने महान सपूतों को जन्म दिया है पूरी दुनिया को चिपको का सन्देश देने वाले स्व सुन्दर लाल बहुगुणा ,प्राणों की आहुति देकर टिहरी को दासता से मुक्त कराने के लिए श्री देव सुमन व टिहरी को आजाद कराने मे बडी भूमिका निभाने वाले नागेन्द्र सकलानी यही पले-बढें है। उन्होंने कहा कि आज भले ही टिहरी जलमग्न हो गई हो किन्तु वहाँ की स्मृतियां हमारे दिलों में, यह आवश्यक है कि आने वाली पीढ़ी भी अपनी धरोहर को जाने व पहचाने।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ऋषिकेश में भी टिहरी विस्थापित क्षेत्र में विकास के अनेकों कार्य कराए गए हैं।जिसमें बरसों से लंबित टिहरी विस्थापित क्षेत्र के 7 गावों को राजस्व ग्राम के रूप में स्वीकृत कराने का कार्य उनके द्वारा ही किया गया है।
इस अवसर पर पदम कल्याण सिंह रावत, विनोद उनियाल, सुबोध बहुगुणा, मधु पाठक, डॉ बीसी पाठक, शशि रतूड़ी, प्रभाकर उनियाल, हरिओम ओमी, रमेश पवार, अजय कांत शर्मा, संतोष कोटियाल, अंकित अग्रवाल, देवाशीष भारद्वाज सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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