उत्तराखंड में जन्मे अनाथ बच्चों को सरकारी में मिलेगा 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, यहां कराना होगा पंजीकरण
देहरादून। उत्तराखंड में जन्म से 21 वर्ष तक की आयु तक के अनाथ बच्चों को सरकारी व अशासकीय सेवाओं में सीधी भर्ती के पदों पर पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलेगा। मंगलवार को सचिव (कार्मिक एवं सतर्कता) अरविंद सिंह ह्यांकी ने क्षैतिज आरक्षण के संबंध में नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी।
अधिसूचना के अनुसार, क्षैतिज आरक्षण का लाभ उत्तराखंड राज्य में संचालित स्वैच्छिक व राजकीय गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों को मिलेगा। इसके अलावा राज्य के स्थायी निवासी ऐसे प्रभावित बच्चे जिनके जैविक या दत्तक माता पिता दोनों की मृत्यु जन्म से 21 वर्ष तक की अवधि में हुई हो।
अनाथ बच्चों से आशय
उत्तराखंड राज्य में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के तहत संचालित व पंजीकृत स्वैच्छिक व राजकीय गृहों में निवास करने वाले बच्चों से है, जिनके माता पिता एवं माता पिता के पक्ष में किसी भी रिश्तेदार की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
प्रभावित बच्चों से आशय
राज्य के स्थानीय निवासी ऐसे प्रभावित बच्चे, जिनके जैविक या दत्त माता-पिता दोनों की मृत्यु बच्चे के जन्म से 21 वर्ष तक की अवधि में हुई है।
नियमावली लागू होने के बाद अनाथ या प्रभावित बच्चों का पंजीकरण संबंधित जिले के जिला प्रोबेशन अधिकारी की सिफारिश पर दस्तावेजों के परीक्षण के बाद जिला अधिकारी के कार्यालय में कराना होगा। दस्तावेजों की पुष्टि सक्षम प्राधिकारी द्वार कराने के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी की सिफारिश पर उप जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग से मिली सूचना के मुताबिक राज्य में संचालित स्वैच्छिक व राजकीय गृहों में 735 बच्चे निवास कर रहे हैं, इनमें 100 से अधिक बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई है और उनका कोई रिश्तेदार भी नहीं है। इसके अलावा प्रदेश भर में भी ऐसे बच्चों की बड़ी संख्या है, जिन्हें सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा।