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चुनावी रण: उत्तराखंड में इस पार्टी ने रचा इतिहास! इस फैसले की हर कोई कर रहा चर्चा…

ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: आखिरकार कांग्रेस आलाकमान ने लंबी जद्दोजहद के बाद उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष व नेता विधायक दल समेत महत्वपूर्ण पदों पर वरिष्ठ नेताओं की ताजपोशी कर दी है। इसके साथ ही चुनाव के लिए कमर कसते हुए 10 समितियों की भी घोषणा कर दी। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब उत्तराखंड में किसी राजनीतिक दल ने पांच प्रदेश अध्यक्षों को मैदान में उतारा है। इससे पहले किसी भी पार्टी ने चार प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बनाए। कांग्रेस हरीश रावत के चेहरे पर ही चुनाव की घोषणा कर चुकी है।
बता दें कि गुरुवार देर रात कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी सूची के अनुसार प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति की कमान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को सौंपी है। इसमें राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा को उपाध्यक्ष व दिनेश अग्रवाल को संयोजक बनाया गया है।
बता दें कि गुरुवार देर रात कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी सूची के अनुसार प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति की कमान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को सौंपी है। इसमें राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा को उपाध्यक्ष व दिनेश अग्रवाल को संयोजक बनाया गया है।  कांग्रेस की डूबती नैया को बचाने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने पांच प्रदेश अध्यक्षों को मैदान में उतारकर नया प्रयोग करते हुए इतिहास बना दिया है।
कांग्रेस संयुक्त रूप से चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है। जिसके लिए आगामी चुनाव से पहले कांग्रेस ने संगठनात्मक फेरबदल में हर खेमे को तरजीह देकर संतुलन साधने की कोशिश की है।  2022 के लिए कांग्रेस आलाकमान ने गणेश गोदियाल को संगठन की कमान सौंपी है। पहली बार गोदियाल को अध्यक्ष पद मिला है। पार्टी के सभी पूर्व मंत्रियों, विधायक के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संगठन में किसी न किसी रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने हमेशा से ही गढ़वाल और कुमाऊं के बीच संतुलन के साथ ही जातीय समीकरणों का हमेशा ध्यान रखा। वर्ष 2000 में भाजपा की अंतरिम सरकार के समय नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी ब्राह्मण नेता डॉ. इंदिरा हृदयेश को दी गई तो प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत बने। 2002 में कांग्रेस सत्ता में रही। 2007 में कांग्रेस विपक्ष में बैठी। तब नेता प्रतिपक्ष की कमान गढ़वाल के ठाकुर नेता डॉ. हरक सिंह रावत को सौंपी गई।
कुमाऊं से प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत के बाद यशपाल आर्य को संगठन की कमान सौंपी गई। इसके बाद बात करे 2017 की तो कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह बनाए गए तब नेता प्रतिपक्ष की बागडोर डॉ. इंदिरा हृदयेश के हाथों में सौंपी गई।लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्षों का नया इतिहास बना दिया।

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