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हरक का वायरल वीडियो, कहा, नालायकों और बेवकूफों के हाथों में कमान, हाईकमान की नजरें टेढ़ी

देहरादून। 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले बयानवीरों के चुनावी बयान सामने आने लगे हैं। हाल ही में भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वे अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पर अभद्र टिप्पणी करते हुए नजर आए। इसके बाद कांग्रेस और आप ने जमकर बवाल भी काटा। दुष्यंत गौतम के वायरल वीडियो के बाद अब कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का वीडियो वायरल हुआ है। ​जो कि मसूरी का बताया जा रहा है। मसूरी में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरक सिंह रावत वीडियो में कहते हुए नजर आ रहे हैं कि राज्य आंदोलनकारियों की आत्माएं रो रही होंगी। उन सैकड़ों लोगों की आत्माएं रो रही होंगी, जिन्होंने उत्तराखंड के लिए बलिदान दिया है। कि हमनें नालायकों और बेवकूफों के हाथों में उत्तराखंड सौंप दिया है। इतना ही नहीं हरक सिंह जब मंच पर बैठे हैं तो एक वक्ता कहते हुए नजर आए कि मुख्यमंत्री बदल रहें हैं, जिनकों मुख्यमंत्री बनाना चाहिए, जिनको कमान सौंपनी चाहिए, उनको मौका नहीं दे रहे हैं और ऐसे लोगों को ला-लाकर मुख्यमंत्री बना रहे हैं, कह रहे हैं ये नालायक आदमी है इसे बदल दो। अरे भाई नालायकों को हमारे सिर पर काहे बैठा रहे हो। ऐसे लोगों को लाइये जो यहां पर बैठे है। प्रदेश का भला करेंगे और प्रदेश को आगे बढ़ाएंगे।

हरक के बयान का वीडियो वायरल होने से पहले भाजपा के विधायक उमेश शर्मा का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसकी गूंज दिल्ली तक पहुंची थी। जिसमें विधायक कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के सामने ही कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता की थी। इतना ही नहीं कार्यक्रम छोड़ने की तक धमकी दे डाली थी। विधायक के समर्थन में उस समय हरक सिंह रावत खुलकर सामने आए थे। अब हरक का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वे मुख्यमंत्रियों को नालायक और बेवकूफ कह रहे हैं। साफ है कि यह वीडियो भी आने वाले दिनों में भाजपा के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकता है।

हरक सिंह जिस तरह से चुनावों से पहले खुलकर सियासी पिच पर बैटिंग कर रहे हैं। उससे भाजपा के अंदरखाने सियासी मायनें भी निकाले जा रहे हैं। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को ढ़ेंचा बीज घोटाले पर घेरना और खुलेआम विरोध करने के बाद हरक सिंह सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन चुके हैं। 2016 में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आने वालों में हरक सिंह रावत लीडर में से एक विधायक रहे हैं। जो कि 2017 में भाजपा के टिकट पर ​कोटद्वार से चुनाव ​जीतकर आए और कैबिनेट मंत्री भी बने। लेकिन 5 साल में मुख्यमंत्री बदलने के समीकरण में हरक सिंह हमेशा सीएम की रेस में सबसे आगे रहे। ये बात अलग है कि वे मुख्यमंत्री नहीं बन पाए। अब चुनाव नजदीक आते ही हरक एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। हालांकि वे कई बार खुद चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। लेकिन हरक की राजनीति को समझने वाले लगातार उनके चुनाव से पहले बड़ा सियासी दांव खेलने का दावा कर रहे हैं।

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