वर्ष 2012 से 2017 तक सिडकुल के कामों में अनियमितता सामने आई थी। डीआईजी ने एसआईटी अधिकारियों को दिया है। 48 घंटे का समयकामों को स्थानीय कंपनियों से कराया जाना था उन्हें उत्तर प्रदेश की कंपनियों में बांट दिया गया। इस तरह जांच करते हुए सभी जिलों में 304 फाइलों में से 214 फाइलों का निपटारा कर लिया था। अब बची फाइलें केवल देहरादून और ऊधमसिंहनगर से ही संबंधित हैं।
नवंबर 2020 से अब तक इन फाइलों के लिए जिले के अधिकारी तमाम बहाने बना रहे हैं। पिछले दिनों उन्हें 30 जून तक का समय दिया गयाटेक्निकल समिति ने अभी तक नहीं दी है। रिपोर्ट
डीआईजी गढ़वाल रेंज ने पिछले दिनों दोनों जिलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके जवाब में दोनों ने ही एक जैसा जवाब दिया।
बताया कि टेक्निकल समिति अपनी रिपोर्ट नहीं दे पा रही है। इसका भी कारण बताया कि कोरोना काल में टेक्निकल समिति को यह समस्या आ रही है। जबकि, कोरोना संकट इन दो जिलों में नहीं बल्कि पूरे भारत में चल रहा है। अन्य जनपदों ने भी समय से अपनी जांच पूरी कर फाइलों को तैयार कर लिया है।