उत्तरकाशी से अनिल रावत की रिपोर्ट : आज की ख़बर बड़कोट से है जंहा नगर पालिका परिषद में कार्यरत अधिशासी अधिकारी इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं अधिशासी अधिकारी के खिलाफ सभी कर्मचारियों का गुस्सा गुरुवार को तब फुट पड़ा ,जब ईओ ने कुछ सफ़ाई कर्मचारियों को सेवा से हटाने की बात कही इस बात को लेकर नगर पालिका के सभी सफ़ाई कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी, जिसका बुरा असर नगर में जगह जगह फ़ैले कूड़े ढेरों से लगाया जा सकता है।
सफ़ाई कर्मचारियों की हड़ताल के दूसरे दिन नगर पालिका अध्यक्ष अनुपमा रावत सहित नगरपालिका के सभी कर्मचारी, एवं सभासद लामबंद होकर अधिशासी अधिकारी को बड़कोट नगर पालिका से हटाने की मांग को लेकर भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए।
हड़ताल के दूसरे दिन माहौल इतना तनाव पूर्ण रहा कि माहौल को शांत करने के लिए उपजिलाधिकारी बड़कोट चतर सिंह चौहान को पुलिस प्रशासन के साथ नगर पालिका परिषर में आना पड़ा जहाँ काफ़ी वाद विवाद के बाद भी मामला नहीं सुलझ पाया नगर पालिका अध्यक्ष अनुपमा रावत के नेतृत्व में सभी सभासद व कर्मचारी ईओ बड़कोट नगर पालिका के ट्रांसफर को लेकर एक जुट नजर आए मामला इतना गर्म जोशी का बना हुआ है.
नगर पालिका अध्यक्ष सभासद व सभी कर्मचारियों के द्वारा ऑफिस में ताला बंदी कर उपजिलाधिकारी बड़कोट के माध्यम से संयुक्त रूप से मुख्य सचिव उत्तराखंड व जिलाधिकारी उत्तरकाशी को ईओ को हटाने के लिए ज्ञापन भेजा गया । जिसमें आरोप लगाते हुए कहा है कि ईओ अपनी मनमानी तरीके व अड़ियल रवैये से कर्मचारियों एवं पर्यावरण मित्रों का शारीरिक एवं मानसिक शोषण किया जा रहा है।
सफाई कर्मचारियों का कहना है कि ईओ ने अड़ियल रवैया अपनाया हुआ है और कुछ पर्यावरण मित्रों के हटाने के आदेश जारी किए गए हैं तथा 18-20 साल से जो लोग कार्य कर रहे हैं, उन्हें भी हटाने की धमकी दी जा रही है। धरने पर बैठे सभी कर्मचारियों ने एक स्वर में यहां तैनात ईओ अमरजीत कौर को हटाने की मांग के साथ नगर में सफ़ाई करनी बंद कर दी है यह भी चेतावनी दी है कि जब तक अधिशासी अधिकारी को नहीं हटाया गया तब तक सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगें।
मामले की गंभीरता व नगर की सफ़ाई व्यवस्था को लेकर उपजिलाधिकारी बड़कोट ने पत्रकारों से वार्ता करते कहा कि जब तक सफ़ाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म नहीं हो जाती तब सफ़ाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।
वहीँ दूसरी ओर आरोपों से घिरी नगर पालिका बड़कोट की ईओ ने पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए अपना पक्ष रखा जिसमें उन्होंने बताया कि बजट की कमी के कारण कुछ कर्मचारियों को कार्यमुक्त किया गया था।