ख़बर उत्तराखंड

बीजेपी मंत्री हरक सिंह ने हरीश रावत को बताया बरगद का पेड़, फिर बोले- वो मेरे बड़े भाई हैं

देहरादून. उत्तराखंड में हरीश रावत सरकार को अस्थिर कर 2016 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शिप्ट होने वाले नेताओं में से एक कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और पूर्व सीएम हरीश रावत के बीच की रार किसी से छुपी नहीं है. इस बीच मंत्री हरक सिंह रावत के एक बयान ने सियासी सरगर्मियों को और तेज कर दिया है. हरक अक्सर हरीश रावत को ऐसा बरगद का पेड़ बताकर तंज कसते रहे हैं जिसके नीचे कोई भी वनस्पति नहीं पनपती. लेकिन गुरुवार को हरक सिंह का यही बयान सिरे से बदला हुआ था. हरक ने हरीश रावत को छांव, ऑक्सीजन, शुद्ध हवा देने वाला, पूज्यनीय बरगद का पेड़ बताते हुए कहा कि रावत मल्टी पर्पज, मल्टीडायमेंशन वाले नेता हैं. यही कारण है कि कांग्रेस आलाकमान ने उन पर उत्तराखंड के अलावा पंजाब और असम जैसे राज्यों का दायित्व सौंपा.

वन मंत्री हरक सिंह रावत आज वन विभाग द्वारा आयोजित वन महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. यहां प्लांटेशन करने के बाद उन्होंने अपने भाषणों में पेड़ों का महत्व समझाया. उन्होंने बरगद और पीपल जैंसे पेड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि ये सबसे अधिक समय तक ऑक्सीजन देते हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए हिंदू धर्म में इन दोनों पेड़ों को पूज्यनीय माना गया है ताकि पर्यावरण संरक्षण के लिए लोग इनकी सुरक्षा करते रहें.

बरगद की इतनी व्याख्या करने के बाद इसे हरीश रावत से जोड़ने से सियासी हलकों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि, पूछने पर हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने मजाक-मजाक में उदाहरण दिया. रावत ने कहा कि ये भी सच है कि उन्होंने अपने नीचे प्रीतम सिंह (कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष) और इंदिरा (नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का हाल ही में निधन हो गया) को कभी पनपने नहीं दिया. लेकिन हरक सिंह कहते हैं कि हरीश रावत मेरे बड़े भाई हैं. छोटा भाई इतना तो कह ही सकता है.

हरक सिंह आगे कहते हैं कि राजनीतिक रिश्ते अलग होते हैं और व्यक्तिगत रिश्ते अलग. उत्तराखंड की सियासत में 2016 में तब एक तरह से भूचाल आ गया था, जब हरक सिंह रावत समेत नौ विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. मार्च 2017 में बीजेपी की सरकार बनी तो कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, यशपाल आर्य, सतपाल महाराज को मंत्री बनाया गया. रेखा आर्य को राज्यमंत्री बनाया गया. सियासी उठापठक के बीच माना जाता रहा है कि अधिकांश नेता बीजेपी की रीति-नीति में सेट नहीं हो पाए. ऐसे नेताओं में हरक सिंह रावत का नाम सबसे टॉप में गिना जाता रहा है. कई बार इन चर्चाओं ने भी जोर पकड़ा की इन नेताओं की घर वापसी हो सकती है. स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश इस बात की समर्थक भी थी, लेकिन हरीश रावत ने तब-तब इस पर कड़ा रुख दिखाया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *