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ब्रेकिंग: देखिए ये उत्तराखंड कांग्रेस की नई टीम! किसको मिली कौन सी जिम्मेदारी, देखिए आदेश

ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस से बड़ी खबर सामने आ रहे हैं जहां लंबी माथापच्ची के बाद कांग्रेस हाईकमान ने उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष को चुन लिया है। वही आज यह इंतजार खत्म हो चुका है। लंबे समय से कांग्रेस के अंदर चल रही कश्मकश पर फिलहाल विराम लगते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को उत्तराखण्ड कांग्रेस की चाबी सौंपने जा रही है। श्रीनगर विधासभा से आने वाले गणेश गोदियाल को कांग्रेस में अध्यक्ष पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.
गोदियाल की तय ताजपोशी में पूर्व सीएम हरीश रावत की अहम भूमिका मानी जा रही है। पंजाब की तर्ज पर उत्तराखंड में भी चार कार्यकारी अध्यक्ष के नाम लगभग तय कर लिए गए है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल आज रात या शुक्रवार को कांग्रेस की नई टीम की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं।
कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर गणेश गोदियाल का नाम फाइनल हो गया है. कांग्रेस आलाकमान प्रदेश में चुनाव से पहले अध्यक्ष पद पर किसी ऐसे मझे खिलाड़ी को बिठाना चाहता था जो राजनीति के चौसर की सभी चालो से वाकिफ हो, ऐसे में श्रीनगर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रहे गणेश गोदियाल का नाम इस रेस में आगे चल रहा था.
गणेश गोदियाल हरीश रावत के करीबी माने जाते हैं. गणेश उत्तराखंड की राजनीति के गणित को भली भांति समझते हैं, इसके आलवा उनका हर मुद्दे पर मुखर होना, कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच, सुगम उपलब्धता उन्हें इस दौड़ मै सबसे आगे ले गई. जिसका नतीजा ये रहा कि आज उन्हें कांग्रेस की कमान सौंपी गई.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस हाईकमान के निर्णय के अनुसार मौजूदा अध्यक्ष प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गयी है। डॉ इंदिरा ह्रदयेश के निधन से नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी खाली हुई थी। जैसा कि पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि हरीश रावत को विधानसभा चुनाव अभियान की कमान सौंपी जायेगी।
उत्तराखंड में कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी जा रही है. वहीं संगठन की कमान यानी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को बनाया जा रहा है. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आगामी उत्तराखंड विधानसभआ चुनाव 2022 के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है. कांग्रेस देर शाम तक इसकी आधिकारिक पुष्टि भी की. इसके अलावा चार प्रदेश कार्यकारणी अध्यक्ष बनाए गए है.
प्रदेश कार्यकारणी अध्यक्ष में जीत राम, भुवन कापड़ी, तिलक राज बेहड़ और रंजीत रावत को बनाया गया है. वहीं चुनाव कमेटी का अध्यक्ष हरीश रातव को बनाया गया है. इसके साथ ही राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा को चुनाव कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल को संयोजक बनाया गया है.

नयी टीम की घोषणा में काँग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने हरीश रावत को 2022 के चुनाव लड़ाने की अहम जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है।उनके साथ पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को भी चुनाव संचालन समिति में सह संयोजक बनाए जाने की खबर है। चार कार्यकारी अध्यक्षों में दो-दो गढ़वाल व कुमायूँ से लिये जाने की चर्चा है।
कुमायूँ से पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ व युवा भुवन कापड़ी
का नाम है। जबकिए गढ़वाल से पूर्व विधायक जीत राम आर्य व युवा राजपाल खरोला को कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने की तेज सुगबुगाहट है। कांग्रेस की संभावित नयी टीम में सभी राजनीतिक संतुलन बनाने की कोशिश की गई।
उल्लेखनीय है कि गणेश गोदियाल ने 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को हरा कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। गोदियाल थलीसैंण विधानसभा से चुनाव जीते थे। 2007 में गोदियाल चुनाव हार गए थे। लेकिन 2012 में फिर विधानसभा का चुनाव जीते। रावत की सरकार गिरने के समय गोदियाल ने भाजपा की तमाम कोशिश के बाद हरीश का साथ नही छोड़ा। बदले में हरीश रावत ने भी इस मौके पर गोदियाल का नाम आगे बढ़ाया।
इस पूरे फेरबदल में अंततः पूर्व सीएम हरीश रावत की ही चली। प्रीतम समर्थकों ने भी आखिरी समय तक पूरी ताकत लगा रखी थी। लेकिन कांग्रेस ने ब्राह्मण कार्ड को तवज्जो देते हुए गणेश गोदियाल के नाम पर मुहर लगा दी। चार कार्यकारी अध्यक्षों में इलाकाई व जातीय संतुलन को साधने की कोशिश की गई है।
गौर हो कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद से ही प्रदेश कांग्रेस में उनका स्थान को लेकर जद्दोजहद जारी थी. इसको लेकर कई हाई लेवल मीटिंग भी दिल्ली में हुईं, लेकिन आपसी गुटबाजी के कारण पार्टी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई थी. कांग्रेस विधानमंडल दल का नेता चुनने के लिए दिल्ली में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की अध्यक्ष में विधायकों की एक बैठक भी हुई थी, लेकिन तब भी बैठक में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर कोई सहमति नहीं बना पाई थी.

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