उत्तराखंड में आज 23 अगस्त से विधानसभा सत्र शुरू हो गया। आज सोमवार को उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्त्ताओं ने सख्त भू-कानून लागू करने समेत जनहित के तमाम मुद्दों को लेकर विधानसभा कूच किया। पुलिस ने उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्त्ताओं को रिस्पना पुल से पहले लगाई गई बैरिकेडिंग पर रोक दिया।
आपको बता दें कि इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। झड़प के तद्पश्चात बैरिकेडिंग पर चढ़े कुछ कार्यकर्ता गिरकर घायल हो गए। इससे गुस्साए कार्यकर्ता बैरिकेडिंग के पास ही धरने पर बैठ गए। बाद में उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्त्ताओं ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा।
वहीं विधानसभा कूच के दौरान दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी के नेतृत्व में कार्यकर्त्ता नारेबाजी करते हुए प्रिंस चौक, रेसकोर्स चौक, आराघर, धर्मपुर होते हुए आगे बढ़े। बारिश के बावजूद कार्यकर्त्ताओं का हौसला कम नहीं हुआ। दल के झंडों और बैनर के साथ महिला कार्यकर्त्ताओं को सबसे आगे रखा गया।
ज्ञापन में उन्होंने मांग की किषराज्य आंदोलनकारियों के लिए दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की सुविधा बहाल करने, रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने, संविदा कर्मियों व उपनल कर्मियों का नियमितिकरण करने, गैरसैंण को राज्य की स्थायी राजधानी घोषित करने, पर्यटन व तीर्थाटन के लिए स्पष्ट नीति बनाने, देवस्थानम बोर्ड को भंग करने, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं का मानदेय बढ़ाने, डीएलएड व बीएड प्रशिक्षितों की जल्दी नियुक्ति की मांग भी की है।
इस दौरान ऐरी ने कहा कि संघर्ष और शहादत की बदौलत पृथक राज्य का निर्माण हुआ, लेकिन बीते 21 साल में प्रदेश को भूमाफिया के हवाले कर दिया गया। राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट की गई। राज्य की अवधारणा को बचाने के लिए सख्त भू-कानून लागू किया जाए, जिससे बाहरी व्यक्तियों से प्रदेश की जमीनों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 1950 को आधार मान मूलनिवास की परिभाषा निर्धारित की जाए। सरकार बेरोजगारी को लेकर श्वेत पत्र जारी किए जाए।