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स्थानांतरण आदेश नहीं किए स्वीकार! तो सरकार ने किया सस्पेंड

ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: उत्तराखंड से बड़ी ख़बर सामने आ रही है।उत्तराखंड में अफसरों  की   मनमानी   के मामले सामने आने लगे हैं। बता दें कि मनमानी के चलते शासन ने बीते दिन एक अधिशासी अभियंता को  सस्पेंड  कर  दिया    है।    बताते चलें कि  ट्रांसफर  आदेश   नहीं     मानने  पर   लोक  निर्माण   विभाग  के अधिशासी   अभियंता    दीपक    कुमार   द्वित्तीय   को  सस्पेंड  कर   दिया  गया  है।प्राविधानों के तहत दी कुमार द्वित्तीय, अधिशासी अभियन्ता को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।
निलम्बन की अवधि में दीपक कुमार द्वित्तीय को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2, भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि, अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा जी निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता, यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय हो, भी अनुमन्य होगा। किन्तु यदि दीपक कुमार द्वित्तीय को निलम्बन से पूर्व प्राप्त वेतन के साथ महंगाई भत्ता अथवा महंगाई भत्ते का उपांतिक समायोजन प्राप्त्य न हो तो जी निर्वाह भत्ते की धनराशि पर महंगाई भत्ता देय नहीं होगा।
निलम्बन की अवधि के दौरान निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी, यह समाधान हो जाने की शर्त पर देय होगे कि श्री दीपक कुमार द्वित्तीय द्वारा उस मद में वास्तव व्यय किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है।
प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों में भुगतान उसी दशा में किया जायेगा जबकि दीपक कुमार द्वित्तीय इस आशय का प्रमा पत्र प्रस्तुत करें कि निलम्बन काल में वे किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार वृत्ति अथवा व्यवसाय में नहीं लगे हैं। 
आपको बता दें कि प्रमुख     सचिव  रमेश कुमार   सुधांशु   ने शुक्रवार को इसका आदेश  जारी कर दिया है।। निलम्बन की अवधि में दीपक कुमार द्वित्तीय   मुख्य  अभियन्ता  क्षेत्रीय   कार्यालय,  लोक  निर्माण  विभाग, पौड़ी कार्यालय से     सम्बद्ध रहेंगे। आपको    बता   दें    कि   दीपक    कुमार    द्वित्तीय    का ट्रांसफर     चमोली    निर्माण    खण्ड,     लोक     निर्माण विभाग, थराली किया गया था।
गौर हो कि दीपक    कुमार    द्वित्तीय,   अधिशासी  अभियन्ता  के विरूद्ध         पी०एम०जी०एस०वाई0         ए0डी0बी0  (आपदा)          खण्ड,  चमोली  निर्माण  खण्ड, लो0नि0वि0,  थराली   को  किये  गये      स्थानान्तरण आदेश   का   पालन   न करने व इस प्रकार उत्तराखण्ड   राज्य  कर्मचा की   (आचरण) नियमावली के संगत प्राविधानों का उल्लंघन करने  के  लिए अनुशासनिक  कार्यवाही  प्रस्तावित और      उक्त    आरोप  इतने गम्भीर हैं कि उनके   स्थापित हो  जाने  की दशा  में  उक्त अधिकारी को दीर्घ  शास्ति दी जा   सकती  है।
उत्तराखण्ड    सरकारी   सेवक    (अनुशासन   एवं अपील)   नियमावली,   2003   (यथासंशोधित)   के  नियम-4(1) के  प्राविधानों   के   तहत  दी कुमार द्वित्तीय, अधिशासी  अभियन्ता को  तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है।

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