ब्यूरो रिपोर्ट हरिद्वार:देशभर में मॉनसून से तबाही देखने को मिल रही है। लगातार भारी बारिश के कारण कहीं भूस्खलन देखने को मिल रहा है। तो कहीं पहाड़ों के दरकने के कारण आवाजाही पर रोक लग रही है। पहाड़ी इलाकों में बड़ी-बड़ी चट्टानें टूटकर वाहनों पर गिर रहे है। जिसके कारण लोग घायल हो रहे हैं ,साथ ही कई मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं।
दरअसल एक बार फिर बुधवार को किन्नौर के निगुलसारी के समीप लैंडस्लाइड हुआ है. किन्नौर में भूस्खलन होने से 50 से अधिक लोग लैंडस्लाइड की चपेट में आ गए हैं. लैंडस्लाइड की चपेट में एक बस भी आ गई है. ये बस मुरंग किन्नौर से हरिद्वार आ रही थी.
राज्य सरकार के मुताबिक राहत बचाव कार्यों के दौरान दो लोगों के शव बरामद हुए हैं. वहीं, 10 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है.यह मामला बुधवार दोपहर के समय का है. जब राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से चल रही थी. इसी बीच अचानक पहाड़ों से चट्टानें खिसक कर सड़क पर गिरने लगीं. उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने यह जानकारी दी.
सादिक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सड़क परिवहन की बस समेत अनेक वाहन भूस्खलन के मलबे में दब गए. बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे. बस किन्नौर के रेकॉन्ग प्यो से उत्तराखंड के हरिद्वार आ रही थी. सादिक ने बताया कि पत्थर अब भी गिर रहे हैं, जिससे बचाव अभियान में कठिनाई आ रही हैं.
किन्नौर के भावानगर इलाके में नेशनल हाईवे-पांच पर हुई घटना में एचआरटीसी की बस समेत कई वाहन मलबे में दब गए हैं. हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है. एनडीआरएफ घटनास्थल पर पहुंच गई है. अभी मलबे में कितने लोग दबे हैं इसकी कोई जानकारी नही हैं.
भूस्खलन की यह घटना निगुलसारी के पास चैरा नामक स्थान पर हुई. मलबे की जद में आई एचआरटीसी की बस किन्नौर से हरिद्वार आ रही थी. किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सिद्दकी ने फोन पर बताया कि इस भूस्खलन के मलबे के नीचे कई वाहन दब गए हैं.
हालांकि मौके पर आईटीबीपी, सेना और राज्य पुलिस के जवान राहत बचाव कार्य कर रहे हैं. पहाड़ी से मलबा गिरने का सिलसिला अभी भी जारी है और इस वजह से बचाव अभियान शुरू करने में मुश्किलें आ रही हैं. प्रदेश पुलिस के जवान लगातार मुश्किलों का सामना करते हुए बचाओ अभियान में लगे हुए हैं।