ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्ता की कमान संभालते ही शासन स्तर पर फेरबदल शुरू कर दिया है. एक बार फिर उत्तराखंड राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद अब चर्चाओं का बाजार गर्म है. उत्तराखंड में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में माना जा रहा कि उत्तराखंड समेत जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां राजनीति शुरू हो गई है।
दरअसल उत्तराखंड में सियासी जीतने के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर अपने पुराने नेता पर दांव लगाने की तैयारी की है. खबर है कि पार्टी महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर कांग्रेस बड़ी बाजी लगाएगी. उत्तराखंड कांग्रेस विधानसभा चुनाव हरीश रावत के चेहरे के साथ लड़ने का ऐलान कर सकती है.
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान होने में भी समय लग सकता है. यहां प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर भी अभी फैसला नहीं हो सका है. पंजाब कांग्रेस में विवाद की वजह से उत्तराखंड पर कांग्रेस आलाकमान अभी तक कोई फैसला नहीं ले सके हैं. माना जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस में विवाद निपटारे के बाद ही उत्तराखंड पर कोई फाइनल फैसला लिया जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस उत्तराखंड के चुनाव में रावत को न केवल पार्टी का सीएम चेहरा बनाएगी, बल्कि कैंपेन कमेटी का चेयरमैन भी बनाने की भी तैयारी में है. यानि उत्तराखंड की राजनीति में रावत के सियासी कद का चुनावी फायदा उठाने के लिए कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है.
हरीश रावत को उत्तराखंड का सीएम चेहरा बनने के लिए मनाना और एक बार फिर राज्य की राजनीति में सक्रिय होने के लिए राजी करना जरूरी है. क्योंकि, पिछले चुनाव में आपसी गुटबाजी की वजह से हरीश रावत की कुर्सी चली गई थी. विजय बहुगुणा के साथ चल रहे घमासान की वजह से पार्टी में बड़े पैमाने पर टूट-फूट हुई, जिसकी वजह से राज्य में कांग्रेस कमज़ोर हुई और बीजेपी को सत्ता में आने का मौक़ा मिल गया.
हालांकि अब एक बार फिर आलाकमान की कोशिश होगी कि हरीश रावत को आगे करके सत्ता पर काबिज हुआ जाए. लेकिन, कांग्रेस के लिए सिर्फ सीएम चेहरा बनाना ही चुनौती नहीं है. संगठन में भी बड़े फेरबदल की तैयारी है.