सोमवार 23 अगस्त से उत्तराखंड विधानसभा का पांच दिवसीय मॉनसून सत्र शुरू हो चुका है। जिसका पहला दिन सत्र के पहले दिन आज विधानसभा के पटल पर शोक प्रस्ताव लाया गया। विधानसभा के भीतर सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक सभी विधायकों ने दिवंगत हुए नेताओं को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सदन की कार्यवाही के दूसरे दिन विपक्ष कई मोर्चों पर सरकार को घेरने में जुट गया है। जिसके लिए विपक्ष ने पूरी तैयारी कर ली है। उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को हंगामे के आसार हैं।
कांग्रेस के पास महंगाई, बेरोजगारी औल कुंभ टेस्टिंग घोटाला समेत बोलने को बहुत कुछ है। विधानसभा चुनाव में समय कम होने के कारण धामी सरकार के लिए नए नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और उपनेता करण माहरा की टीम सदन में मुसीबत बन सकती है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस कई मुद्दे सदन के भीतर उठाएगी तो वहीं, विपक्ष के कई नेता सदन के बाहर भी सरकार की विफलताओं को लेकर धरना देंगे।
दरअसल कांग्रेस ने लोकायुक्त, भू कानून और देवस्थानम बोर्ड पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के मुताबिक, विपक्ष के पास मुद्दों की कोई कमी नहीं है। खुद मुख्य सचिव ने 29 विषयों की सूची बनाई है, जिन पर विपक्ष सवाल उठा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को विपक्ष कार्यस्थगन प्रस्ताव के माध्यम से नए जिलों के गठन, जाति प्रमाण, देवस्थानम बोर्ड, लोकायुक्त, भू कानून समेत कई अन्य मुद्दों को उठाने की कोशिश करेगा।
उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अनुपूरक बजट पेश करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में मंगलवार को सदन पटल पर रखे जाने वाला बिजनेस तय हुआ। उत्तराखंड विनियोग (2021-22 का अनुपूरक) विधेयक 2021 के अलावा सरकार छह और विधेयक सदन पटल पर रखेगी। सदन में पेश होने वाले अनुपूरक बजट के 5300 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है।
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन पटल पर सात विधेयक रखे जाएंगे। इसमें आईएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, डीआईटी विश्वविद्यालय संशोधन (विधेयक), उत्तराखंडल माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, उत्तराखंड पौधशाला (विनियमन) संशोधन विधेयक, उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्राविधान संशोधन विधेयक और उत्तराखंड विनियोग (2021-22 अनुपूरक) विधेयक को सदन पटल पर रखा जाएगा।
चुनावी साल में भाजपा के नए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इस मुद्दे पर लीड ले ली तो पार्टी विपक्ष के आरोपों से बच सकती है। यह एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनने जा रहा है। विपक्ष के पास देवस्थानम बोर्ड, कोविड जांच फर्जीवाड़ा, महंगाई, बेरोजगार, कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर सदन में सरकार की घेराबंदी करने का आखिर मौका है। जबकि सत्तापक्ष ने भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की तैयारी की है। सत्र के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों से 788 प्रश्न मिले हैं।
दरअसल 2012 से 17 के बीच निश्चित अवधि के अंदर लोकायुक्त के मसले पर स्टैंड नहीं लेने की वजह से भाजपा ने 100 दिन के अंदर लोकायुक्त के गठन का वादा किया था। लेकिन, भाजपा सरकार के पांचवें साल में भी लोकायुक्त एक्ट बस्ते से बाहर निकल नहीं पाया।
प्रदेश में भू कानून को लेकर नये सिरे से बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया से शुरू हुई इस मुहिम में सरकार के नए नियमों से उबाल आया हुआ है। प्रमुख विपक्षी दल के नेता भी भू कानून में आवश्यक संशोधन की बात कर रहे है। भूमि की खरीद फरोख्त में दी गयी ढील आज एक बड़ा मुद्दा बन गया है।