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यहाँ लड़कियों को ड्रग्स के बदले पूरी करनी पड़ती थी सेक्स की डिमांड

ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून.एक और जहां लड़कियों को लक्ष्मी का रुप दिया जाता है, तो वहीं दूसरी ओर लड़कियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया जाता है। जी हां दरअसल ऐसा ही एक मामला देहरादून से सामने आया। यह मामला देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र से सामने आया है, जहां लड़कियों से नशीले पदार्थ के बदले सेक्स मांगा जाता रहा। हालांकि पुलिस ने इसका खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
आपको बता दें कि बीते दिनों नशा मुक्ति केंद्र से चार लड़कियां फरार हो गई थी। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई थी। शुक्रवार को प्रकृति विहार क्लेमेन्टाउन में स्थित नशा मुक्ति केन्द्र WALK AND WIN SOVAR LIVING HOME से 4 बालिग लड़कियां जिनका नशे का ईलाज इस संस्थान पर चल रहा था। उक्त चारों लड़कियां शाम समय 5.30 बजे कैम्प से भाग गयी थी।
ड्रग्स की लत छुड़ाने के लिए उत्तराखंड में चल रहे चल रहे कई प्राइवेट डी-एडिक्शन सेंटर (नशा मुक्ति केंद्र) में भयानक खेल चल रहा है. देहरादून में ऐसे ही एक मामले का खुलासा हुआ है. आरोप है कि नशे की आदत छुड़ाने के लिए जो लड़कियां यहां भर्ती होती थीं, उन्हें सेक्स के बदले ड्रग्स परोसा जाता था.
दरअसल नशा मुक्ति केंद्र में नाबालिग लड़कियों का रेप करने वाले आरोपी विद्यादत्त रतूड़ी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी रतूड़ी को ऋषिकेश के श्यामपुर से गिरफ्तार किया गया है. दो दिन पहले ही मामले खुलासा हुआ था कि नशा मुक्ति केंद्र का संचालक विद्या दत्त रतूड़ी नाबालिग लड़कियों से रेप करता था. आरोपी के खिलाफ देहरादून के क्लेमेंटटाउन थाने में बीते शनिवार को मुकदमा दर्ज किया गया था., तभी से आरोपी फरार चल रहा था.
हालांकि सोमवार को वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने सेंटर के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है. 20 साल की पीड़ित लड़की की दास्तान रोंगटे खड़ी कर देने वाली है. यह उन चार लड़कियों में शामिल है जो चार दिन पहले देहरादून के इस नशा मुक्ति केंद्र से भाग गयी थी.
पुलिस ने जब चारों लड़कियों को बरामद किया तो उनके सामने आंखें खोल देने वाला सच आया. लड़कियों ने बताया कि उन्हें ड्रग के बदले सेक्स की डिमांड पूरी करनी पड़ती थी, और जब कोई लड़की इनकार करती थी तो उसको तरह-तरह की यातनाएं सहनी पड़ती थी.
दरअसल बीते कुछ वर्षों में राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के कई शहरों में युवा तेजी से ड्रग्स की लत के शिकार हुए हैं. इसके साथ ही ड्रग्स की लत छुड़ाने के लिए कई नशा मुक्ति केंद्र भी स्थापित किए गए हैं. सरकारी एजेंसियों के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है. लेकिन अनुमान है अकेले देहरादून में करीब 100 ऐसे नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं. इन केंद्रों को लेकर कोई सरकारी पॉलिसी नहीं है.
बता दें कि पहले भी कुछ नशा मुक्ति केंद्रों में कुव्यवस्था और मारपीट की खबरें आती रही हैं. लेकिन हर बार उनको नजरंदाज किया जाता रहा. नशा मुक्ति केंद्र में नाबालिग लड़कियों से रेप का मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय भी हरकत में आ गया है. पुलिस मुख्यालय की तरफ से देहरादून समेत सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों को आदेश जारी किए हैं.
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अपने-अपने जिले में चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों की मॉनिटरिंग की जाए. इसके अलावा नशा मुक्ति केंद्रों का हर हफ्ते निरीक्षण किया जाए. नशा मुक्ति केंद्रों के जो नियम हैं, उनका सख्ती से पालन कराया जाए. थाना प्रभारी निरीक्षण की रिपोर्ट एसएसपी को सौंपेंगे.
केंद्र का नाम, रजिस्ट्रेशन का विवरण, स्टाफ का विवरण (डॉक्टर, मनोचिकित्सक समेत अन्य स्टाफ में महिला और पुरुष की संख्या), भर्ती हुए मरीजों की संख्या, फीस की पूरी जानकारी, आवासीय विवरण कक्ष, बेडों की संख्या, सीसीटीवी की जानकारी, दैनिक रजिस्टर विवरण, शिकायत रजिस्टर विवरण, विजिटिंग डॉक्टर /मनोचिकित्सक द्वारा किया गया भ्रमण संबंधी रजिस्टर, केंद्र की स्थिति पर सक्षम अधिकारी की टिप्पणी और नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती होने वाले पीड़ितों की देखभाल खानपान सहित उनसे बातचीत कर व्यवस्थाओं से संबंधित जानकारी मांगी गई है.
इस बारे में डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र में जिस तरह से ड्रग्स देकर नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार करने का मामला सामने आया है, वे काफी संवेदनशील है. इसी को देखते हुए जनपद स्तर पर संचालित होने वाले एसटीएफ (स्पेशल टास्ट फोर्स) के अधीन काम करने वाली एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स को नशा मुक्ति केंद्र की गोपनीय व आकस्मिक तरीके से छापेमारी की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके पता चल पाएगा की नशा मुक्ति केंद्रों ने ड्रग्स कहां से सप्लाई हो रही है.

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