हरिद्वार से देवम मेहता की रिपोर्ट: हरिद्वार ज्वेलर्स के यहां हुई दिनदहाड़े डकैती की घटना को लेकर एसएसपी हरिद्वार की बड़ी कार्रवाई! SSP ने उप निरीक्षक को लाइन हाजिर किया है। सुरक्षा में कमी और सूचना देने में देरी को लेकर उप निरीक्षक उमेश कुमार को लाइन हाजिर किया गया है।
आपको बता दें कि हरिद्वार में ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के शंकर आश्रम के पास दिनदहाड़े हथियारबंद बदमाशों ने मोरा तारा ज्वैलर्स शोरूम में दो करोड़ की डकैती डाली। बदमाशों ने शोरूम मालिक, गार्ड और स्टाफ को हथियारों के बल पर बंधक बनाकर कमरे में बंद कर दिया। बदमाश नकदी और जेवरात लेकर आसानी से फरार हो गए।
बदमाशों के दुस्साहस से हड़कंप मच गया। पुलिस, एसओजी और विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीमें घटना स्थल पर पहुंची। सीसीटीवी फुटेज चेक करने के साथ साक्ष्य जुटाए। डकैती का पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। पुलिस ने बदमाशों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया, लेकिन देर शाम तक कोई सफलता नहीं मिली।
ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के शंकर आश्रम के पास ज्वालापुर निवासी निपुण गुप्ता का मोरातारा नाम से आभूषणों का शोरूम है। बृहस्पतिवार दिन में करीब साढ़े तीन बजे शोरूम में दो बदमाश ग्राहक बनकर पहुंचे। काउंटर पर बैठकर आभूषण देखने लगे। इसके तुरंत बाद ही तीन अन्य बदमाश शोरूम में घुस आए।
शोरूम का गार्ड उदयवीर शर्मा तीनों बदमाशों को ग्राहक समझकर सैनिटाइजर देने लगा। इस बीच पीछे से एक और बदमाश शोरूम में घुस गया। एक बदमाश ने गार्ड की कनपटी पर तमंचा सटा दिया। जबकि बाकी बदमाशों ने भी हथियार तानकर स्टाफ की तीन लड़कियों, एक युवक, शोरूम मालिक को निशाने पर ले लिया।
हथियारों की नोक पर बदमाशों ने मालिक और स्टाफ को किचन व आफिस में बंद कर दिया। सभी लोगों के हाथ और पैर बांध दिए। इसके बाद बदमाशों ने शोरूम से आभूषण और नगदी उड़ा ली। बदमाश पीठ पर बैग लगाकर आए थे। बैग में ही आभूषण और नकदी भरकर फरार हो गए। स्टाफ कर्मियों ने एक-दूसरे के बंधे हाथ पैर खोले और बाहर निकले।
मालिक की ओर से पुलिस को डकैती की सूचना दी गई। दिनदहाड़े डकैती की सूचना मिलने पर पुलिस में हड़कंप मच गया। ज्वालापुर कोतवाल चंद्र चंद्राकर नैथानी, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, एसपी अपराध प्रदीप कुमार राय, सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे और जांच शुरु की।
एसएसपी हरिद्वार ने कोतवाली इंचार्ज स्पेक्टर चंद्रकांत नैथन को घटना का खुलासा करने के लिए 7 दिन का समय दिया है। 7 दिन के भीतर डकैती की घटना का खुलासा न होने पर कोतवाली प्रभारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।