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मसूरी: सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने किया धरना प्रदर्शन

मसूरी से वरिष्ठ संवाददाता सतीश कुमार की रिपोर्ट: एक बार फिर से राज्य निर्माण आंदोलनकारियों ने लंबे समय बाद भू कानून की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है इसी को लेकर आज शहीद स्थल झूला घर पर शहर के तमाम राज्य आंदोलनकारी एकत्रित हुए और उन्होंने भू कानून को लेकर धरना प्रदर्शन किया और बैठक आयोजित कर आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया उत्तराखंड में लगातार भू कानून की मांग बढ़ती जा रही है
राज्य आंदोलनकारी प्रदीप भंडारी ने कहा कि सशक्त भू कानून राज्य में लागू किया जाना चाहिए और हिमाचल की तर्ज पर ही उत्तराखंड में भी भू कानून लाया जाए उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद एक बार फिर राज्य आंदोलनकारी सड़कों पर उतर आए हैं और साथ ही आरोप भी लगाया कि भाजपा और कांग्रेस सरकार ने पहाड़ की भोली-भाली जनता को गुमराह कर बड़े बड़े पूजी पतियों को कौड़ियों के भाव में उत्तराखंड में जमीन उपलब्ध करवाई और उनके द्वारा यहां पर बड़े-बड़े होटल और रिसॉर्ट खोले गए लेकिन पहाड़ की जनता आज भी अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित है राज्य निर्माण की अवधारणा ही जल जंगल जमीन को बचाने के लिए की गई थी लेकिन आज यहां पर पहाड़ी लोग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं कहा कि यदि सरकार शीघ्र भू कानून लागू नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में उत्तराखंड की जनता उनको सबक सिखाने के लिए तैयार है
वहीं समाजसेवी पंडित मनीष गौनियाल ने कहा कि मसूरी एक ऐसा शहर है जहां से राज्य आंदोलन की शुरुआत हुई थी साथ ही यहां पर 7 लोगों ने अपनी शहादत देकर उत्तराखंड के निर्माण में अहम योगदान निभाया लेकिन आज दुर्भाग्य है कि शहीदों के सपनों को साकार करने की बजाय सरकार बाहरी लोगों को उत्तराखंड में जमीने उपलब्ध करवा रही है और यहां के लोग उन्हीं के होटल और रिसॉर्ट में नौकरी करने को विवश है उनके द्वारा शहीद स्थल झूला घर से भू कानून आंदोलन को लेकर शुरुआत की गई थी इसी कड़ी में आज राज्य आंदोलनकारी भी इसमें शामिल हो गए हैं इससे ऐसा प्रतीत होता है कि भू कानून की लड़ाई अब आम आदमी की लड़ाई बन चुकी है और जल्द ही इस में पहाड़ की जनता को सफलता मिलेगी।

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