सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी-कांग्रेस समेत दस राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार चुनाव के दौरान मीडिया में उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को प्रकाशित नहीं करने के लिए 8 पार्टियों को अवमानना का दोषी ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6 पार्टियों पर 1-1 लाख रुपए और 2 पार्टियों पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
दरअसल आज इस मामले पर जस्टिस रोहिंटन नरीमन और बी आर गवई की बेंच ने फैसला दिया. कोर्ट ने माना कि कुछ पार्टियों ने आदेश का आंशिक रूप से पालन किया. उन्होंने आपराधिक छवि के लोगों को टिकट दिया. इसकी कोई संतोषजनक वजह आयोग को नहीं बताई.
कम पहचाने अखबारों में प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड छपवा कर औपचारिकता पूरी की. जबकि 2 पार्टियों ने आदेश का बिल्कुल पालन नहीं किया. कोर्ट के नोटिस के जवाब में उन्होंने इसके लिए अपनी राज्य इकाई के भंग होने का बहाना बनाया.
कोर्ट ने इस बहाने को स्वीकार नहीं किया और सीपीआई (एम) और एनसीपी पर 5-5 लाख का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने जेडीयू, आरजेडी, एलजेपी, कांग्रेस, बीजेपी और सीपीआई को भी अवमानना का दोषी माना है. हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि यह उसके आदेश के बाद हुआ पहला चुनाव है. इसलिए, वह कठोर दंड नहीं देना चाहता. ऐसे में इन पार्टियों पर 1-1 लाख का जुर्माना लगाया गया है.
भविष्य के लिए कोर्ट ने दिए निर्देश:-
राजनीतिक दल अपनी वेबसाइट पर प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड डालें
चुनाव आयोग विशेष मोबाइल ऐप बनाए. जहां मतदाता ऐसी जानकारी देख सके
मतदाताओं को जागरूक बनाने के लिए अभियान चलाए जाएं
चुनाव आयोग इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए विशेष सेल बनाए